जाले (दरभंगा)(आससे)। मखाना की खेती के देशव्यापी विस्तार को बढ़ावा देने के लिए मखाना अनुसंधान केन्द्र, दरभंगा एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रयोग अनुसंधान केन्द्र, जबलपुर के संयुक्त तत्वाधान में एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं बिहार के लगभग पचास किसानों एवं उद्यमियों ने भाग लिया। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए मखाने की खेती एवं प्रसंस्करण विषय पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना परिसर के निदेशक डॉ उज्ज्वल कुमार ने विस्तृत व्याख्यान दिया।
मध्य भारत में मखाने की खेती की संभावनाओं पर कृषि प्रौद्योगिकी प्रयोग अनुसंधान केन्द्र, जबलपुर के निदेशक डॉ एस आर के सिंह ने वृहद चर्चा की। मखाना अनुसंधान केन्द्र, दरभंगा के वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ मनोज कुमार ने मखाने की खेती एवं इसके प्रसंस्करण से जुड़ी वैज्ञानिक तकनीकों की विस्तृत जानकारी उपस्थित किसानों को दी। मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के किसानों को मखाने की खेती के विस्तार के लिए जरूरी प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता पहुंचाने का आश्वासन देते हुए डॉ कुमार ने उनकी संबंधित समस्याओं के वैज्ञानिक निवारण पर विशेष जोर दिया।
अनुसंधान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ आई एस सिंह ने मखाने की खेती के लिए पोषक तत्वों के समुचित प्रबंधन पर जानकारी दी। मध्प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से लगभग आधा दर्जन कृषि विज्ञान केंद्रों के कृषि विशेषज्ञों ने भी कार्यक्रम में अपनी राय रखी, साथ ही वहां के कुछ प्रगतिशील किसानों ने कार्यक्रम में अपनी मखाना की फसल एवं इसके उत्पादों को लाइव प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम में डॉ अंजनी कुमार, डॉ एस सी मुखर्जी एवं डॉ डी पी शर्मा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए, वहीं जबलपुर के वैज्ञानिक डा एए राउत एवं टीआर अठारे ने वेबिनार के संचालन में मुख्य भूमिका निभाई। आयोजन सचिव वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार ने कहा कि उक्त कार्यक्रम से बिहार के बाहर भी देश के अन्य राज्यों में मखाना की खेती के विस्तार को बल मिलेगा।