पटना

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी


महत्वपूर्ण दस्तावेज सहित नकदी बरामद, जांच टीम के समक्ष बेबस दिखे वीसी

बोधगया (आससे)। मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय, कुलपति आवास एवं अन्य स्थानों पर बिहार विजिलेंस की स्पेशल टीम ने देर शाम तक छापेमारी की। मुख्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों डा. बृजेश राय, प्रो सत्य रतन प्रसाद सिंह, कुलसचिव डा. पीके वर्मा, सुबोध कुमार तथा अन्य से देर शाम तक कुलपति कक्ष में विभिन्न मामलों को लेकर पूछताछ की।

मिली जानकारी के अनुसार कुलपति पर आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर पटना की विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में निगरानी कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त कर बुधवारको विश्वविद्यालय मुख्यालय, कुलपति आवास एवं कुलपति के गोरखपुर स्थित आवास तथा अन्य जगहों पर एक साथ छापेमारी की गई। मुख्यालय में छापेमारी के समय कुलपति कक्ष के तरफ जहां पूछताछ की जा रही थी, वहां किसी को जानेकी अनुमति नहीं थी।

इस मामले में धारा 120 बी आईपीसी 420 के तहत मामला दर्ज है। इसमें कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद, कुलपति के सहायक सुबोध कुमार, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालयके कुलसचिव डा. जितेंद्र कुमार, जो कुछ दिनों तक मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर प्रभार में रहे थे, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के वित्त परामर्शी ओमप्रकाश जो काफी दिनोंसे मगध विश्वविद्यालयमें वित्त परामर्शीके प्रभारमें रहे हैं, तथा लखनऊ की पूर्वा ग्राफिक्स एवं आफसेट प्रिंटर्सको इस मामलेमें अभियुक्त बनाया गया है।

विजिलेंस टीम बुधवारको सुबह 10 बजे मुख्यालय पहुंच गए और संबंधित लोगोंसे पूछताछ शुरू की जो देर शाम समाचार लिखे जाने तक जारी था। विजिलेंस की टीम वित्त पदाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप त्रिपाठीको भी उनके कक्ष बुलाकर पूछताछ के लिए ले गई। यद्यपि की जिस समय का यह मामला है उस समय धर्मेंद्र प्रताप त्रिपाठी मगध विश्वविद्यालय में कार्यरत नहीं थे।

गौरतलब हो कि मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलसचिव डा- विजय कुमार, वित्त परामर्शी मधुसूदन तथा वित्त पदाधिकारीने कुलपतिके विरुद्ध अवैध भुगतान के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। उस समय इन अधिकारियों को राजभवन द्वारा हटा दिया गया था। इन अधिकारियों द्वारा कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद पर कई गंभीर आरोप लगाया गया था।