मुंबई, । मुंबई की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत ने शिवसेना (उद्धव- बालासाहेब ठाकरे) नेता और सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी है। इससे पहले, 21 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। उस समय भी संजय राउत की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई थी। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय राउत को गिरफ्तार किया है।
संजय राउत को जुलाई में किया गया गिरफ्तार
संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित भूमिका के लिए जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने पीएमएलए अदालत से जमानत मांगी थी, जिसका अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के पास 2011 से रिकॉर्ड मौजूद हैं, जो यह बताते हैं कि संजय राउत पात्रा चॉल प्रोजेक्ट में शामिल थे।
क्या है पात्रा चॉल मामला ?(What is Patra Chawl Case)
पात्रा चॉल सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में स्थित है, जो 47 एकड़ में फैला है। इसमें 672 परिवार किराया देकर रहते हैं। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एचडीआईएल की एक सहयोगी कंपनी को 2008 में चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था।
जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे। हालांकि, पिछले 14 वर्षों में एक भी किरायेदार को फ्लैट नहीं दिया गया। ईडी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास ही नहीं किया, बल्कि बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में भूमि पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स बेच दिया था।
मां को लिखा पत्र
पात्रा चॉल घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे संजय राउत ने 8 अगस्त को न्यायालय की बेंच पर बैठकर अपनी मां को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि ‘देश के लिए लड़ने वाले हजारों सैनिक महीनों घर नहीं आ पाते। कुछ ऐसे भी हैं, जो शहीद हो जाते हैं। शिवसेना भी महाराष्ट्र के दुश्मनों के आगे कभी नहीं झुकेगी। मैं जल्द ही वापस आऊंगा।’