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ममता बनर्जी खुद को देश का CM मानती हैं, इंतजार कराने पर भड़के शुभेंदु अधिकारी


  1. कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने शनिवार को आरोप लगाया कि चक्रवात ‘यास’ से हुए नुकसान की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल न होकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है.

बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुईं, लेकिन उन्होंने उस कमरे में प्रवेश किया जहां से मोदी बैठक कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने संबंधित कमरे में प्रवेश कर प्रधानमंत्री को राज्य में चक्रवात से हुए नुकसान पर एक रिपोर्ट सौंपी और सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपए का पैकेज मांगा.

बनर्जी के साथ मुख्य सचिव बंद्योपाध्याय भी थे. बैठक के कुछ घंटे बाद केंद्र ने बंद्योपाध्याय के दिल्ली तबादले का आदेश दिया. भाजपा विधायक अधिकारी ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने जिस तरह प्रधानमंत्री का अपमान किया, उसकी आलोचना करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.’ अधिकारी ने दावा किया कि बनर्जी ने शुक्रवार को पश्चिमी मेदिनीपुर जिला स्थित कलाईकुंडा एअर बेस में हुई बैठक में उनकी मौजूदगी पर सवाल उठाए.

उन्होंने कहा कि बैठक में उन्हें राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं चक्रवात प्रभावित नंदीग्राम के विधायक की हैसियत से आमंत्रित किया गया था. भाजपा नेता ने कहा, ‘वह (बनर्जी) अपने रवैये से अपना अहंकार दिखाने तथा तुच्छ राजनीति करने का प्रयास कर रही हैं.’ बनर्जी ने दावा किया है कि चक्रवात से प्रभावित हुए गुजरात और ओडिशा में हुईं इसी तरह की समीक्षा बैठकों में विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया.

भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में चक्रवात प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के बाद शुक्रवार को पूर्वी मिदनापुर में एक समीक्षा बैठक थी, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 30 मिनट तक इंतजार करवाया. यह संवैधानिक अखंडता को तार-तार करने जैसा और शर्मनाक था.’ शुभेंदु ने आगे कहा, ‘दबाव में आईं सीएम ममता ने आज कहा कि विपक्ष के नेता की मौजूदगी की वजह से वह बैठक में शामिल नहीं हो सकीं. दरअसल, ममता अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए झूठ का सहारा ले रही हैं क्योंकि वह खुद को ना सिर्फ पश्चिम बंगाल का, बल्कि पूरे देश का मुख्यमंत्री मानती हैं.’