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महाराष्ट्र के मंत्री बाला साहेब की झूठी कसम नहीं खा सकते, बोले संजय राउत


मुंबई। मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाझे ने जेल से चिट्ठी लिखकर महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री पर जो वसूली के आरोप लगाए हैं, गुरुवार को शिवसेना नेता संजय राउत उनका बचाव करते दिखे और उन्होंने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया। उ्न्होंने मीडिया से कहा कि, ‘एक नई रणनीति सामने आई है जहां, लोग जेल के अंदर से चिट्ठी लिख रहे हैं। यह राजनीतिक षड्यंत्र है। मैं अनिल परब को जानता हूं, वह इस तरह के कार्यों में कभी संलिप्त नहीं हो सकते। मैं इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं कि कोई भी शिवसैनिक बाला साहेब के नाम पर झूठी कसम नहीं खा सकता।’

मालूम हो कि सचिन वाझे ने जेल से चार पेज की चिट्ठी लिखी है जिसमें उसने कहा है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और परिवहन मंत्री अनिल परब ने उससे व्यापारियों और प्रतिष्ठानों से पैसे की उगाही करने के लिए कहा था, लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया। इसी तरह के आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने भी अनिल देशमुख पर लगाए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को मुंबई के सभी रेस्त्रां और प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ की वसूली करने को कहा था। फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

वहीं 25 मार्च को सचिन वाझे, जिसका मुकेश अंबानी बम केस से संबंध को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी जांच कर रही है, ने कोर्ट से अपील की थी कि वह उसे वसूली से जुड़े मामले में अपनी बात रखने की अनुमति दे, जिसके बाद को कोर्ट ने उसे लिखित में अपना जवाब देने को कहा, हालांकि बुधवार को जब उसने कोर्ट में चिट्ठी दिखाई तो कोर्ट ने उसे स्वीकारने से मना कर दिया।

अनिल परब ने किया आरोपों का खंडन

वहीं, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने सचिन वाझे द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी पार्टी को बदनाम करने की भारती जनता पार्टी की साजिश है। उन्होंने आगे कहा कि वह इन आरोपों की जांच के लिए राजी हैं।

उन्होंने कहा, ‘दो दिन पहले से बीजेपी के लोग कह रहे थे कि अनिल परब का नाम मिट्टी में मिलेगा और उन्हें इस्तीफा देना होगा। वे कैसे जानते थे कि सचिन वाजे कोई चिट्ठी देने वाला है? इससे यह साफ हो जाता है कि महाराष्ट्र के मंत्रियों को बदनाम करने की साजिश चल रही है।’