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महाराष्ट्र: 12 विधायकों के निलंबन के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन, विधानसभा की सीढ़ियों पर बनाया ‘शैडो सदन’


  • कृषि कानून ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हंगामा करने पर बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. उन पर सत्तापक्ष के विधायकों के साथ धक्कामुक्की और बदसलूकी करने का आरोप है.

मुंबई: बीजेपी ने मुंबई में विधानसभा में अपने 12 विधायकों के निलंबन और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही विरोध में बीजेपी विधायकों ने सदन के बाहर समानांतर विधानसभा सत्र भी शुरू किया. महाराष्ट्र विधान परिषद में एलओपी प्रवीण दरेकर ने घोषणा की कि कालिदास कोलंबकर सत्र में अध्यक्ष होंगे. इस विरोध प्रदर्शन में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हैं.

बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र जबर्दस्त हंगामे से शुरू हुआ. कृषि कानून ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हंगामा करने पर बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. उन पर सत्तापक्ष के विधायकों के साथ धक्कामुक्की और बदसलूकी करने का आरोप है. ये विधायक पराग अलवानी, राम सतपुते, संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, शिरीष पिंगले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे और कीर्तिकुमार भंगड़िया हैं.

राज्यपाल से मिले बीजेपी विधायक, शिकायत की
बीजेपी के 12 विधायकों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और ”लोकतंत्र को कुचलने” के लिए एमवीए सरकार के खिलाफ शिकायत की. राज्य विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक आशीष शेलार के नेतृत्व में विधायकों ने एक ज्ञापन सौंपा जिसमें पीठासीन अधिकारी से दुर्व्यवहार के ”गलत”आरोपों से इंकार किया. राज्य सरकार ने 12 विधायकों पर आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में उन्होंने जाधव से ”दुर्व्यवहार” किया जिसके बाद उन्हें एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया.

पूरे मामले पर फडणवीस क्या बोले?
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘यह एक झूठा आरोप है और विपक्षी सदस्यों की संख्या को कम करने का प्रयास है. ऐसा इसलिये किया गया क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटे पर सरकार के झूठ को उजागर किया है.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी को गाली नहीं दी. फडणवीस ने कहा, ‘शिवसेना विधायकों ने ही अपशब्दों का इस्तेमाल किया. मैं अपने विधायकों को अध्यक्ष के कक्ष से बाहर ले आया था.’ पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि शेलार के माफी मांगने पर मामला समाप्त हो गया. जाधव द्वारा दिया गया घटना का विवरण ‘एकतरफा’ है.