Latest News उत्तर प्रदेश नयी दिल्ली राष्ट्रीय वाराणसी साप्ताहिक

मातृभूमि सेवा संस्था: राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त सम्मान समारोह


नयी दिल्ली (आससे.)। मातृभूमि सेवा संस्था ने मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम रखने वाले दानवीर भामाशाह जी और राष्ट्ररत्न बाबू शिव प्रसाद गुप्त की जयंती के अवसर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया। संस्था के राष्ट्रीय कार्यालय प्रांगण में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त जी के जीवन का उल्लेख करते हुए मातृभूमि सेवा संस्था के संस्थापक राकेश कुमार ने बताया कि मातृभूमि के इस सच्चे सपूत ने स्वतंत्रता आंदोलन को बल देने के लिए दैनिक समाचार-पत्र ‘आजÓ की स्थापना तथा शिक्षा के माध्यम से चरित्र निर्माण की अनूठी परिकल्पना को मूर्तरूप देने के लिए काशी विद्यापीठ एवं भारत माता मंदिर की स्थापना की थी। साथ ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए रुपये 1,01,000 की प्रथम राशि का सहयोग करके तथा खादी वस्त्रों के उत्पादन व बिक्री को बढ़ावा देने हेतु 150 एकड़ की भूमि का दान देकर उन्होंने राष्ट्रसेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रियता से भाग लिया तथा दिल खोलकर क्रांतिकारी उद्देश्यों के लिए बड़ी धनराशि का सहयोग किया तथा अनेकों बार जेल गए। विशिष्ट आमंत्रित अतिथि ‘दैनिक आजÓ के नेशनल ब्यूरो चीफ संजय राय ने वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। संजय पति तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्था द्वारा देश की स्वतंत्रता के लिए विभिन्न प्रकार की अमानवीय यातनाएं एवं प्राणों की आहुति देने वाले ज्ञात-अज्ञात क्रांतिकारियों को सम्मान दिलाने के लिए जो प्रयास किये जा रहे हैं, वो सचमुच अद्भुत हैं। क्रांतिकारी पंचांग के माध्यम से बच्चों एवं बड़ों सभी को ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन से परिचित कराया जा रहा है। भामाशाह जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए संस्था के दिल्ली राज्य प्रभारी प्रमोद सिंह नेगी ने बताया कि दानवीरता के पर्याय भामाशाह जी ने लोगों में अपरिग्रह को जीवन का मूलमन्त्र मानकर संग्रहण की प्रवृत्ति से दूर रहने की चेतना जगाने का महत्वपूर्ण कार्य किया था। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ लेखक व पत्रकार संजय पति तिवारी, युवा राष्ट्रप्रेमी शुभंकर देबनाथ, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर गायत्री प्रिया तथा राष्ट्रसेविका अर्चना देवी के द्वारा दीप प्रज्वलन के बाद बाल कलाकारों द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई। संस्था से जुड़े विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से महापुरुषों को श्रद्धांजलि दी। विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की उपस्थित लोगों ने करतल ध्वनि से सराहना की। संस्था की फरीदाबाद इकाई के जिला लेखा अधिकारी राघवेंद्र झा ने उपस्थित जनसमूह को देश की स्वतंत्रता के लिए हमारे क्रांतिकारियों द्वारा किये गये संघर्ष के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए हमें बच्चों के लिए स्वास्थ्य रक्षा और संस्कारयुक्त शिक्षा की आवश्यकता पर ध्यान देना होगा। श्रीमती ईशा गर्ग और नितिन गर्ग ने शिक्षा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रोशनी, अनुशिका, देवेश, शालू मिश्रा, कल्पना कुमारी, खुशी चौधरी, कोमल राठौर, तरन्नुम, रितु, श्रुति, आकृति सिंह, वंदना सिंह, ममता, राधिका तोमर, तेजस्वी, वीर सिंह और आदित्य राज सिंह को प्रशस्तिपत्र एवं स्मृतिचिन्ह भेंट किये। शिक्षण एवं प्रशिक्षण के लिए मंजू साहू, रीना पटेल, सुषमा, किरण सिंह, प्रीति और अमन सिंह राठौर को प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। संस्था की फरीदाबाद इकाई के सह-प्रभारी संदीप सिंह एवं जिला सचिव संदीप सचदेवा को उनके मातृभूमि के प्रति समर्पण के लिए प्रशस्तिपत्र एवं स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्था की ओर से नि:शुल्क नेत्र जांच शिविरों के आयोजन में सराहनीय योगदान के लिए पुरुषोत्तम एवं मानिक कुमार को विशेषरूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर तन, मन और धन से राष्ट्रसेवा में योगदान देने वाले वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती ईशा गर्ग और सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ नितिन गर्ग को संस्था की ओर से वर्ष 2021 के दानवीर भामाशाह सम्मान तथा प्रदीप कादियान, प्रमोद सिंह नेगी और सतपाल को बाबू शिवप्रसाद गुप्त सम्मान प्रदान किये गये। मुख्य अतिथि नितिन गर्ग ने संस्था द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान, बच्चों को राष्ट्रवादी शिक्षा और स्वास्थ्य-रक्षा के क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने संस्था को अपनी ओर से निरंतर सहयोग बनाये रखने की बात कही। कार्यक्रम के सफल आयोजन में संस्था के राष्ट्रीय संयोजक संजय कुमता, दिल्ली के अतिरिक्त सचिव राम यतन कुमार और रमा शंकर जी की विशेष भूमिका रही।