लखनऊ, : बांदा जेल में बंद माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर योगी आदित्यनाथ सरकार के बाद अब कोर्ट का भी शिकंजा कसा है। जेलर को धमकी देने के मामले में सात वर्ष कैद की सजा के बाद अब मुख्तार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने गैंगस्टर एक्ट के 23 वर्ष पुराने मामले में पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पचास हजार रुपया जुर्माना भी लगाया गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के तहत 23 वर्ष पुराने एक मामले में भी जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने शुक्रवार को उसे पांच वर्ष कैद के साथ पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है। सरकारी वकील राव नरेन्द्र सिंह के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्तार को गैंगस्टर के इस मामले में ट्रायल कोर्ट से बरी करने के आदेश को चुनौती दी थी। इस मामले की वर्ष 1999 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने इससे पहले गुरुवार को वर्ष 2003 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को सात वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। मामला लखनऊ जेल के जेलर को पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी से जुड़ा था। बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ इस मामले में जेलर एसके अवस्थी के अकेले ही लड़े और सजा दिलवाई। इस लड़ाई में पहले कई गवाह थे जो बाद में मुकर गए। 2003 में लखनऊ जेल में बंद रहे तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी से कुछ लोग जेल में मिलने पहुंचे थे। असलहों से लैस होकर मुलाकात करने पहुंचे लोगों की तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने जब तलाशी लेनी चाहिए तो जेल की कोरनटाइन जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने इस पर एतराज जताया। इसके बाद बात इतनी बढ़ गई कि मुख्तार अंसारी ने मुलाकाती की पिस्टल निकालकर धमकी दी। जेलर एसके अवस्थी की तरफ से लखनऊ के आलमबाग थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।