शिवाजी पार्क में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी
शिवसेना में जून में ही एक बड़ी टूट के बाद इसके अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हाथ से न सिर्फ सत्ता चली गई, बल्कि दो तिहाई से ज्यादा विधायकों और सांसदों के अलग होने से कार्यकर्ताओं का भी आत्मविश्वास हिल गया है। इस बड़ी टूट के बाद उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में अपने गुट का शक्ति प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। चूंकि शिवाजी पार्क में शिवसेना की रैली की शुरुआत 56 वर्ष पहले उनके पिता शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने की थी। तब से शिवाजी पार्क में शिवसेना की रैली की परंपरा चली आ रही है। उद्धव गुट ने इस बार भी रैली के लिए इस विशाल मैदान की बुकिंग का आवेदन मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में कर दिया है।
शिंदे गुट भी शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में
लेकिन शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी की भूमिका में खड़ा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट भी इसी मैदान में अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहता है। उसने भी इस मैदान की बुकिंग के लिए अपना आवेदन कर दिया है। बीएमसी ने दोनों गुटों के आवेदन प्राप्त होने की पुष्टि की है। साथ ही, यह भी कहा है कि यह मैदान किसे दिया जाए, इसका निर्णय अभी नहीं हुआ है।
शिंदे गुट खुद को ही असली शिवसेना होने का कर रहा दावा
कुछ दिनों पहले शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने एक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री शिंदे इस बार शिवसेना की रैली शिवाजी पार्क में नहीं होने देना चाहते। जबकि उसके बाद उद्धव ठाकरे यह भरोसा जता चुके हैं कि उनकी रैली शिवाजी पार्क में ही होगी। शिवसेना से अलग होने के बावजूद शिंदे गुट खुद को ही असली शिवसेना होने का दावा करता आ रहा है। विधानसभा से लेकर लोकसभा तक उसने अपने गट नेता को शिवसेना के ही गट नेता के रूप में मान्यता भी दिलवा दी है। चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव चिह्न धनुष-बाण पर भी दावा ठोक रखा है, लेकिन दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ शिंदे की विधानसभा सदस्यता पर उद्धव गुट द्वारा उठाए गए सवालों पर भी विचार कर रही है।