पटना

मुख्यमंत्री व नमो के नेतृत्व में संकट से निकलेगा बिहार


गरीबों के लिये दिन-रात भोजन की व्यवस्था कर रही बिहार सरकार

पटना (आससे)। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सरकार अब प्रत्येक दिन 1 लाख कोरोना जांच कर रही है। आवश्यक दवाओं के साथ-साथ अस्पतालों में सभी प्रकार के आधारभूत संरचना की व्यवस्था यथा बेड, पाइप, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, आईसीयू, रेमडेसीविर, मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर, कोरोना जांच कीट, व्यवस्था की है।

यह दावा आज पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने किया। उन्होने कहा कि सामूहिक रसोई की व्यवस्था, डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर, लैब टेक्नीिशयन की बहाली। सभी गरीब लोगों को मुफ्त अनाज, अंतोदय वाले को 35 किलो अनाज,  जिसमें 21 किलो गेहूं और 14 किलो चावल। खाद्य सुरक्षा कार्ड धारी को मिलने वाले 2 किलो गेहूं, 3 किलो चावल बिहार सरकार मुफ्त दे रही है। 10लाख उद्योग लगाने हेतु जिसमें 5 लाख का अनुदान हैं, शिक्षित बेरोजगारों को मुख्यमंत्री उद्यमी विकास योजना के तहत ऋण दे रही है। गांव में एंबुलेंस खरीद हेतु 50% या अधिाकतम 2 लाख रुपये अनुदान बिहार सरकार दे रही है।

उन्होने कहा कि फ्री में मास्क साबुन घर-घर बांटी जा रही है। मजदूरों को मनरेगा में काम दिया जा रहा है। जिन लोगों को लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों से वापस अपने-अपने घर चले आए हैं, घरों पर गांव में काम नहीं मिल रहा है, उन्हें मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है। अकुशल, अर्द्धाकुशल एवं कुशल मजदूरों को अलग-अलग काम मिल रहा है। पशुपालकों को पशु शेड के लिए डेढ़ लाख रुपया दिया जा रहा है।

कोरोना से मरने वाले परिवार के आश्रितों को आपदा विभाग से चार लाख रुपये अनुदान की राशि दी जा रही है। लॉकडाउन में श्रमिकों को मिल रहे कामों से घर-परिवार चलाना आसान हुआ है। सरकार गांव में भी कोरोना से लड़ने के लिए पंचायतों में भी वैक्सीनेशन सेंटर बनाकर के 18 वर्ष से ऊपर वाले सभी लोगों को वैक्सीनेट कर रही है। पंचायतों को सैनिटाइज कर रही है। सामूहिक रसोई द्वारा असहाय, गरीबों को दिन-रात का भोजन की व्यवस्था बिहार सरकार द्वारा की गई है।