पटना

पटना: परीक्षा समिति के पैटर्न पर चलेगा संस्कृत बोर्ड


ऑनलाइन होगा परीक्षावेदन कार्य, सरकार ने दिये छह करोड़

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य सरकार ने बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को छह करोड़ रुपये दिये हैं। यह राशि बोर्ड को सहायक अनुदान के रूप में कर्मचारियों के वेतनादि के भुगतान के लिए दी गयी है।

ऐसा पहली बार हुआ है, जब कर्मचारियों के वेतनादि के भुगतान के लिए राज्य सरकार से सहायक अनुदान के मद में बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को राशि मिली है। इसके लिए बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है। बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड की बैठक बुधवार को इसके अध्यक्ष डॉ. भारती मेहता की अध्यक्षता में हुई। डॉ. मेहता के तीन वर्षों के अध्यक्ष के कार्यकाल की बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड की यह अंतिम बैठक थी। बैठक में सोलह एजेंडे पर मुहर लगी।

मध्यमा परीक्षा, 2022 से संबंधित परीक्षावेदन आदि कार्य ऑनलाइन होगा। मध्यमा परीक्षा, 2022 की तैयारी से संबंधित निर्णय लिये गये। बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड में भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तर्ज पर द्वितीयक अंकपत्र, प्रमाणपत्र एवं प्रवजन प्रमाणपत्र का शुल्क निर्धारित किया गया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अनुरूप ही नाम, पिता का नाम आदि में सुधार की प्रक्रिया अपनाने का भी निर्णय लिया गया।

विद्यालय में भवन, सुरक्षा एवं रखरखाव की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार से नियम में परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया। बैठक में बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के प्रति सहानुभूति के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की गयी तथा इसके उत्तरोत्तर विकास में हर तरह से सहयोग के लिए आभार प्रकट किया गया। सदस्यों ने अध्यक्ष के रूप में डॉ. भारती मेहता के कार्यकाल पर संतोष व्यक्त किया।

बैठक के प्रारंभ में बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के सचिव राजेश कुमार ने सदस्यों का स्वागत किया। बैठक में श्रीपति त्रिपाठी, कुलपति के प्रतिनिधि डॉ. ब्रजमोहन मिश्रा एवं प्रो. नवल किशोर सिंह तथा परीक्षा नियंत्रक रामजी पासवान शामिल थे।