- इटावा, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के बीच जुबानी जंग में अब नरमी आई है। राजनीतिक हल्कों में इसके कयास लगाए जा रहे हैं कि 22 नवंबर को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर दोनों के बीच गठबंधन या विलय पर निर्णय हो सकता है। दो दिन से इटावा में ही प्रवास कर रहे शिवपाल पहले ही कह चुके हैैं कि फैसला अखिलेश पर निर्भर है। मैं उनका चाचा हूं और रहूंगा। अब अखिलेश यादव की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।
मुलायम ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका: बताते हैैं कि समाजवादी कुनबे के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल व अखिलेश के रिश्ते की तल्खी दूर करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने चुनाव से पहले दोनों लोगों को बुलाकर एक साथ बैठने को कहा है। जिस पर दोनों के बीच सहमति बन गई है। चार नवंबर को सैफई आए अखिलेश ने चाचा को पूरा सम्मान देने की बात कही थी। उनके समर्थकों को भी उचित सम्मान देने का भरोसा दिलाया था। इसी वजह से शिवपाल ने अपनी रथयात्रा का अंतिम चरण रद कर दिया था।