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‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन ने कहा- चुस्त-तंदरुस्त हूं, अब राजनीति में सेवा


नई दिल्ली। मेट्रो मैन (Metro Man) के नाम से प्रसिद्ध दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाले ई श्रीधरन (E Sreedharan) को कौन नहीं जानता। दिल्ली (Delhi) सहित देश की कई मेट्रो को स्थापित करने वाले श्रीधरन तकनीक के बड़े जानकार हैं। अब वह राजनीति में अपनी विशेषज्ञता को आजमाना चाहते हैं। राजनीति की दुनिया में उन्हें केरल के भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ वह केरल (Kerala) को विकास के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। 

आप 88 वर्ष की आयु में 28 वर्ष के व्यक्ति की तरह उत्साहित हैं और राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं। आपकी ऊर्जा का राज क्या है?
इस उम्र में मैं पूरी तरह से चुस्त-तंदरुस्त हूं। ऐसे में केरला के विकास के लिए मैं अपनी सेवा देना चाहता हूं, काम करना चाहता हूं, तो इसमें गलत क्या है? मेरा लंबा अनुभव और ज्ञान, प्रदेश को आगे बढ़ाने में सहायक साबित होगा। जहां तक बात मेरे ऊर्जावान बने रहने की है तो व्यवस्थित तरीके से जिंदगी को जीना और महान भगवद् गीता के धार्मिक मूल्यों के प्रति मेरी आस्था इसका प्रमुख कारण है।

मेट्रो मैन के रूप में आप लोकप्रिय हैं, एक टेक्नोक्रेट हैं और राजनीति में आपकी रुचि भी है, फिर राजनीति में आने में इतनी देर क्यों कर दी?
विभिन्न सरकारों, हाईकोट्र्स, सरकारी एजेंसियों ने मुझ पर विश्वास जताकर बहुत सारी जिम्मेदारियां दीं, मैं उनको पूरा करने में लगा हुआ था। अब मेरी अंतिम जिम्मेदारी या यूं कहें कि कार्यभार पलारीवट्टोम फ्लाईओवर (केरल) के पुनर्निमाण के पूरा होने के साथ 5 मार्च को पूरा हो जाएगा। इस कारण मैंने सोचा कि मेरा टैलेंट और अनुभव केरल प्रदेश के काम आना चाहिए। इसी कारण मैं राजनीति के क्षेत्र में नई पारी शुरू कर रहा हूं।

अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ आपने मेट्रो स्थापित की और देश के विकास में काफी योगदान दिया, अब आप नागरिकों या केरल राज्य के लिए राजनीति के माध्यम से क्या करना चाहते हैं?
मेरा उद्देश्य पूरी तरह से एक ही है कि मैं केरल प्रदेश का विकास, ज्ञान और तकनीक के स्तर से करूं जिससे अधिक से अधिक संख्या में रोजगार के अवसर यहां की जनता को उपलब्ध हो सकें। यहां बड़ी संख्या में शिक्षित बेरोजगार युवा हैं, जिनको काम की तलाश है। इसके साथ ही राज्य को कर्ज के कुचक्र से भी बचाना है।

आप मेट्रो-रेल के विशेषज्ञ हैं। भारतीय रेलवे के बारे में आप क्या सोचते हैं, किस स्थिति में है इतना बड़ा नेटवर्क?
पिछले 5 वर्षों के दौरान भारतीय रेलवे की स्थिति काफी खराब हुई है। इसको लेकर मुझे काफी निराशा और दुख है। पुनर्गठन के नाम पर रेलवे की अपूरणीय क्षति हो रही है। बड़ी बात ये है कि रेलवे के लिए एक पूर्णकालिक कैबिनेट मंत्री भी नहीं है। यह सब खराब स्थिति का संकेत है।

भारतीय जनता पार्टी को चुनने के पीछे क्या कारण हैं?
केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ दोनों पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगे। मैं स्वभाव से, भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों के अनुरूप हूं, इसलिए मैंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।

केरल में भाजपा लोकप्रिय क्यों नहीं है, आप इसके बारे में क्या सोचते हैं?
भारतीय जनता पार्टी का केरल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित नेता नहीं है। प्रदेश बीजेपी के नेताओं के बीच आपसी मतभेद भी हैं। लेकिन, अब इनका समाधान निकाला जा रहा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि केरल की जनता भाजपा को समझेगी और अपना समर्थन देगी।

भाजपा पर सांप्रदायिक होने के आरोप विपक्षी दल लगाते हैं, आप क्या सोचते हैं?
मैं नहीं मानता कि भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक है। भाजपा पिछले सात वर्षों से देश में बहुत सफलतापूर्वक शासन कर रही है और एक भी सांप्रदायिक झड़प नहीं हुई। यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सभी को साथ लेकर चलती है।

केरल में भाजपा की स्थापना को लेकर आपकी क्या योजना है?
केरल के लोगों में मेरी प्रतिष्ठा है और यहां की जनता मुझ पर भरोसा करती है। भारतीय जनता पार्टी में मेरे शामिल होने से स्थितियां बदलेंगी और मुझे यकीन है कि केरल की जनता का बीजेपी को भारी समर्थन मिलेगा।