बिना ज्यादा कुछ बोले उन्होंने स्पष्ट किया, मैंने अपने आप इस्तीफा नहीं दिया है।
उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस में हूं, अपने सहयोगियों से चर्चा करूंगा फिर आगे की कार्रवाई तय करूंगा।
राज्य में चुनाव होने में छह महीने से भी कम समय रह गया है, ऐसे में अपने इस्तीफे को सही ठहराते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा, पिछले दो महीनों में आलाकमान ने तीन बार विधायकों को तलब किया।
अमरिंदर सिंह ने कहा, मैंने सुबह फैसला लिया। मैंने सुबह कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी। मैंने उनसे कहा था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं।
मुख्यमंत्री उनकी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की एक महत्वपूर्ण बैठक से कुछ ही मिनट पहले आया है।
समझा जाता है कि पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए कहा, ताकि नए पदाधिकारी का चयन संभव हो सके।
पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को साफ तौर पर पद छोड़ने को कहा था।
मिनट-दर-मिनट बदलती राजनीतिक खींचतान शुक्रवार रात करीब 11.42 बजे शुरू हुई, जब पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने शनिवार को तत्काल सीएलपी की बैठक करने के फैसले के बारे में ट्वीट किया।
करीब 10 मिनट बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सभी विधायकों को सीएलपी की बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
रावत की घोषणा को हाईकमान की ओर से नए पदाधिकारी को नियुक्त करने के संकेत के रूप में देखा गया, जिसके नेतृत्व में पार्टी मार्च 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जाएगी।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ताजा घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, श्री राहुल गांधी को गॉर्डियन नोट के इस पंजाबी संस्करण के लिए अलेक्जेंड्रिया समाधान अपनाने पर बधाई।