डेब्यू मैच में तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने
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- मां ने गहने गिरवी रख खरीदे बैट
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पटना (खे.प्र.)। बिहार के 22 वर्षीय बल्लेबाज शकीबुल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतिहास रच दिया। वह अपने पहले मैच में तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गये हैं। मिजोरम के खिलाफ उन्होंने यह खास उपलब्धि हासिल की। इसी के साथ वह रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करते हुए सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गये।
गनी से पहले प्रथम श्रेणी डेब्यू पर सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड मध्य प्रदेश के अजेय रोहेरा के नाम था। उन्होंने 2018-19 के रणजी सीजन में हैदराबाद के खिलाफ मुकाबले में यह उपलब्धि हासिल की थी। तब उन्होंने 267 रन की पारी खेली थी।
गनी और बाबुल नाबाद दोहरे शतक ने चौथे विकेट के लिए 538 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी निभाई। जिसकी बदौलत बिहार ने मिजोरम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी प्लेट ग्रुप मैच के दूसरे दिन पहली पारी पांच विकेट पर 686 रन पर घोषित की। गनी 405 गेंद में 56 चौकों और दो छक्कों की मदद से 341 रन बनाकर इकबाल अब्दुल्ला की गेंद पर आउट हुए। वहीं बाबुल ने 398 गेंद में 229 रनों की नाबाद पारी खेली। उन्होंने 27 चौके और एक छक्का जड़ा। बिपिन सौरभ ने भी अपने पहले मैच में 39 गेंद में नाबाद 50 रन बनाये।
मां ने गहने गिरवी रख खरीदे बैट
मोतिहारी। शहर के मोहल्ला अगरवा निवासी मो. मन्नान गनी का पुत्र शकीबुल गनी (22) ने विगत दो-तीन सत्र से बीसीसीआई के द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धाओं में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने वर्ष 2015 में अंडर-14, 2016-17 में अंडर-19 तथा 2017 व 18 में बिहार अंडर-23 के अलावा 2019 व 2021 के विजय हजारे सीनियर ट्रॉफी, 2020 में चेन्नई और 2021 में दिल्ली में आयोजित आयोजित मुश्ताक अली (20-20) व विजय हजारे (50-50) ट्रॉफी में भी बेहतर प्रदर्शन किया था। शकीबुल बिहार अंडर-23 के लिए 306, 281 व 147 रन की जबरदस्त पारी खेल चुके हैं। वहीं विजय हजारे टूर्नामेंट में खेलते हुए बिहार के लिए 113 व 94 रन तथा मुश्ताक अली टूर्नामेंट में भी एक अर्द्धशतकीय पारी खेली है। साथ ही कई अवसर पर गेंदबाजी का भी दमखम दिखाया है।
शकीबुल के सपनों में रंग भरने में उनकी मां आजमा खातून ने गरीबी को कभी भी बाधा नहीं बनने दिया। बैट के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे तो उसकी मां ने अपने गहने गिरवी रख कर तीन बैट खरीदे थे। सकीबुल की मां ने बताया कि परिवार में इसकी जानकारी किसी को भी नहीं थी। सकीबुल का बैट देते हुए उसकी मां ने कहा था, जा.. बेटा तीन बैट दे रही हूं। तीन शतक लगाकर आना। और उसने मेरी बात सच कर दिखाया।
शकीबुल बचपन से ही क्रिकेट खेलता था मगर इसके प्रति उसकी दीवानगी के पीछे का राज बड़ा रोचक है। शकीबुल अपने बड़े भाई फैसल गनी को वर्ष 2009 में अंडर 19 खेलने के लिए पटना एयरपोर्ट छोडऩे गए थे। फैसल ने बताया कि मुझे हवाई जहाज में बैठते देख शकीबुल को लगा कि वह भी क्रिकेट खेलेगा तो फ्लाइट से यात्रा कर सकेगा। और उसके बाद से उसपर क्रिकेट का जुनून सवार हो गया।
सकीबुल के पिता मो. गन्नान गनी पीडीएस दुकान चलाते हैं। मो. गन्नान ने बताया कि बच्चों की परवरिश के बीच उन्होंने कभी मुफलिसी को नहीं आने दिया। उनकी मां ने गहने गिरवी रखकर बैट खरीदे। मैंने दिन-रात मेहनत कर उसकी सुविधाओं और जरूरतों का खयाल रखा। उसकी मेहनत और लोगों की दुआ रंग ला रही है। अल्लाह से दुआ है कि वह अपने देश के लिए भी खेले।
सकीबुल ने वर्ष 2021 में इंटर एग्जाम के दौरान बंगलुरू में चल रहे विजय हजारे सीनियर ट्रॉफी में भाग लेने के लिए इंटर की परीक्षा बीच में ही छोड़ दी। बडे भाई फैसल गनी बताते हैं कि सकीबुल को क्रिकेट गॉड गिफ्टेड है। पढ़ाई से ज्यादा खेल में रूचि है। यही वजह कि इंटर आर्टस का तीन पेपर की परीक्षा देने के बाद बीच में ही विजय हजारे खेलने चेन्नई रवाना हो गया था। वर्ष 2022 में भी इंटर परीक्षा नहीं दे सका।
पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने सकीबुल गनी के असाधारण प्रदर्शन पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि रणजी ट्रॉफी के उपरांत सकीबुल गनी के जिला मुख्यालय पहुंचते ही जिला प्रशासन एक कार्यक्रम आयोजित कर उसे सम्मानित करेगा।