कोलकाता। मोबाइल गेम ऐप (Mobile Game App) के माध्यम से ठगी व मनी लांड्रिंग (Money laundering) से जुड़े मामले में मुख्य आरोपित आमिर खान (Aamir Khan) को कल रात कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) की साइबर अपराध रोधी शाखा ने गाजियाबाद (Anti-Cyber Crime Branch Ghaziabad) से गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि 10 सितंबर को ईडी (ED) ने कोलकाता में कारोबारी के घर से 17.32 करोड़ रुपये बरामद किया था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर आज कोलकाता लाया जाएगा।
घटना के बाद से था फरार
10 सितंबर की सुबह गार्डेनरीच इलाके (Garden Reach Area) में आमिर खान के घर से नोटों का पहाड़ मिला था। उसके घर से 17.32 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। आमिर खान पर मोबाइल गेम ऐप के जरिए ठगी का आरोप है। घटना के बाद से ही वह फरार था।
कारोबारी के मकान के पहली मंजिल पर एक घर में पलंग के नीचे प्लास्टिक पैकेट में पैक कर बैग में ये रुपये रखे गए थे। मौके से 500 व 2000 रुपये के अलावा 200 व 100 के भी बड़ी संख्या में नोटों के बंडल मिले थे। नोटों की संख्या इतनी थी कि रुपये गिनने के लिए बैंक से नौ मशीनें मंगाई गई थीं।
इस मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत गार्डेनरीच के अलावा पार्क स्ट्रीट, मैकलियोड स्ट्रीट और मोमिनपुर में कुल छह जगहों पर ईडी ने घंटों तलाशी अभियान चलाया था।
ऐसे की थी ठगी
आरोप के अनुसार, इस मामले में फेडरल बैंक (Federal Bank) द्वारा महानगर के बैंकशाल अदालत में दायर शिकायत के आधार पर मुख्य दंडाधिकारी के निर्देश पर मुख्य आरोपित आमिर खान व अन्य के खिलाफ कोलकाता पुलिस द्वारा पार्क स्ट्रीट थाने में आइपीसी की धारा 420, 406, 409, 468, 469, 471 व 34 के तहत पिछले साल 15 फरवरी 2021 को मामला दर्ज किया गया था।
जनता को धोखा देने के लिए गिया गया डिजाइन
आरोप है कि आमिर खान, पुत्र- निसार अहमद खान ने ई-नगेट्स (E- Nuggets) नामक एक मोबाइल गेमिंग ऐप लांच किया, जिसे जनता को धोखा देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था। प्रारंभिक अवधि के दौरान उपयोगकर्ताओं को कमीशन के साथ पुरस्कृत किया गया था और वालेट में शेष राशि को बिना किसी झंझट के निकालने की अनुमति थी। शुरुआत में विश्वास जीतने के बाद और अधिक कमीशन का लालच दिया जिससे बड़ी मात्रा में उपयोगकर्ताओं ने निवेश किया।
आरोप है कि लोगों से अच्छी खासी रकम वसूल करने के बाद अचानक ही उक्त ऐप से सिस्टम अपग्रेडेशन, एलईए द्वारा जांच आदि का बहाना बनाकर निकासी रोक दी गई। इसके बाद प्रोफाइल जानकारी सहित सभी डेटा को भी उक्त ऐप के सर्वर से हटा दिया गया, उसके बाद उपयोगकर्ताओं को चाल समझ में आ गई। जांच में ईडी को पता चला है कि उक्त संस्थाएं नकली खातों का उपयोग कर रही थीं।