नई दिल्ली, । गुजरात के मोरबी जिले में पुल हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने इस याचिका को सूचीबद्ध करने पर सोमवार को सहमति जताई। पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी की इस दलील पर गौर किया कि मामले की तत्काल सुनवाई की जरूरत है।
मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम पुल हादसे में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। विशाल तिवारी ने याचिका में कहा कि दुर्घटना सरकारी अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाती है।
पिछले एक दशक में हुईं कई दुर्घटनाएं
याचिका में कहा गया है कि पिछले एक दशक में हमारे देश में ऐसी कई दुर्घटनाएं हुई हैं जहां कुप्रबंधन, कर्तव्य में चूक और रखरखाव गतिविधियों में लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने के मामले सामने आए हैं।
सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग के गठन की मांग
तिवारी ने याचिका में घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग के गठन की मांग की है। याचिका में राज्यों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
मोरबी हादसे पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई आज
मोरबी हादसे पर गुजरात हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ की अनुपलब्धता के कारण सोमवार को इस मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी। मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ ने इस त्रासदी पर सात नवंबर को राज्य सरकार और राज्य मानवाधिकार आयोग को नोटिस जारी कर सरकार से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। हाई कोर्ट ने पुल हादसे पर एक समाचार रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया था और इसे जनहित याचिका (जनहित याचिका) के रूप में दर्ज किया था।