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यशवंत सिन्हा को भारी पड़ी अंतरात्मा की आवाज, क्रॉस वोटिंग ने द्रौपदी मुर्मू को दिलाई बड़ी जीत


नई दिल्ली, । राष्ट्रपति चुनाव 2022 (President Election 2022) का परिणाम लगभग स्पष्ट हो चुका है। तीसरे चरण की गिनती तक एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को तीन लाख से ज्यादा मतों से पीछे छोड़ दिया है। खास बात ये है कि राष्ट्रपति चुनाव के दिन यशवंत सिन्हा ने एक खास अपील की थी और उन्हें ही अपनी अपील का नुकसान झेलना पड़ा। द्रौपदी मुर्मू की इस बड़ी जीत के पीछे यशवंत की वही अपील है।

मालूम हो कि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने मतदान के दिन सभी सांसदों और राज्यों के विधायकों से एक खास और भावुक अपील की थी। उन्होंने लोकतंत्र का हवाला देते हुए अपील की थी कि मतदाता (सांसद व विधायक) अपनी अंतररात्मा की आवाज सुनें और अपने विवेक का इस्तेमाल करें। सभी मतदाता अपने दिल की आवाज सुनें। ये एक गुप्त मतदान है। इस चुनाव में राजनीतिक दलों का व्हिप लागू नहीं होता है।

मतदान वाले दिन यशवंत सिन्हा ने अपने ट्विटर हैंडल से मतदान की अपील संबंधी दो पेज ट्वीट किए थे। साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी ट्वीट किया था। ये वीडियो राष्ट्रपति भवन के सामने बनाया गया था। अपील संबंधी उनकी चिट्ठी और वीडियो हिंदी और अंग्रेजी भाषा दोनों में ट्विटर पर शेयर किये गए थे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वह अपनी बात पहुंचा सकें।

दरअसल मतदान से पहले ही एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को मिले समर्थन से उनकी जीत लगभग तय हो चुकी थी। द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के बाहर के कई दलों ने समर्थन की घोषणा पहले ही कर दी थी। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भी इसका बखूबी अंदाजा था। लिहाजा मतदान वाले दिन उनकी अपील का सीधा मतलब था कि कोई सांसद या विधायक चाहे तो पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग करते हुए उन्हें भी मतदान कर सकता है।

क्रॉस वोटिंग की ये अप्रत्यक्ष अपील परिणाम आने पर यशवंत सिन्हा के खिलाफ ही दिखी। मतलब यशवंत सिन्हा को क्रॉस वोटिंग की अपनी ही भावुक अपील का नुकसान झेलना पड़ा। द्रौपदी मुर्मू को मिले भारी मतों से साफ है कि विपक्ष के कई सांसदों और विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर द्रौपदी मुर्मू को देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति चुना।

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को कुल 540 सांसदों ने वोट दिया, जबकि एनडीए के पास कुल 439 सांसद ही हैं। साफ है कि तकरीबन 100 सांसदों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और द्रौपदी मुर्मू को चुना। वहीं यशवंत सिन्हा को मात्र 208 सांसदों का ही वोट मिला। वहीं 12 राज्यों में विरोधी दल के लगभग 104 विधायकों ने भी अंतरात्मा की आवाज सुनकर द्रौपदी मुर्मू को चुना। विपक्ष के सबसे ज्यादा 22 विधायकों ने असम में द्रौपदी मुर्मू को मतदान किया है।