लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता जांचने के लिए चलाए गए विशेष निरीक्षण अभियान में नौ हजार शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। अब इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब-तलब मांगा गया है। वहीं ड्यूटी से गायब मिले इन शिक्षकों का वेतन भी काटा जाएगा। बीते सवा महीने तक प्रदेश भर के सभी ब्लाकों में यह निरीक्षण अभियान चलाकर स्कूलों की हकीकत का जायजा लिया गया तो यह सच्चाई सामने आई है।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के निर्देश पर सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। अनुपस्थित शिक्षकों का वेतन काटे जाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। सभी ब्लाकों में एक सितंबर से लेकर 20 अक्टूबर तक प्रदेश भर में 30 हजार स्कूलों का निरीक्षण खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया गया।
अभियान में अनुपस्थित मिले शिक्षक
सभी को न्यूनतम 40-40 विद्यालयों का निरीक्षण करना अनिवार्य था। सबसे ज्यादा बलिया व आजमगढ़ में ढाई-ढाई सौ से अधिक शिक्षक इस अभियान में अनुपस्थित मिले। विद्यालयों के निरीक्षण में छात्रों की उपस्थिति, कायाकल्प अभियान और निपुण भारत मिशन की प्रगति की जांच ली गई।
ऑनलाइन आवेदन भी नहीं किया
परिषदीय स्कूलों की जांच के लिए गठित की गई जिला टास्क फोर्स और ब्लॉक टास्क फोर्स के संयुक्त अभियान में अनुपस्थित पाए गए इन शिक्षकों ने अवकाश के लिए निर्धारित समय तक ऑनलाइन आवेदन भी नहीं किया था। यही नहीं तमाम शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर हाजिरी लगाकर गायब थे। फिलहाल, स्कूलों में आगे और सख्ती बढ़ाई जाएगी। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।