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रक्षा क्षेत्र में ऐसे बदल रही भारत की तस्वीर,


नई दिल्ली, । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) ने भारतीय वायुसेना को 500 किलो का बम सौंपा है। इसे जनरल परपज बम (General Purpose Bomb) नाम दिया गया है। मध्य प्रदेश के जबलपुर की आयुध निर्माणी में इसे तैयार किया गया है। भारत शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन अपनी सीमाओं को लेकर सतर्क रहता है और आक्रामक भी। जब आपके पड़ोसी चीन और पाकिस्तान जैसे शातिर राष्ट्र हों तो अपनी सामरिक शक्ति व नीति को मजबूत करना जिम्मेदारी भी बनती है और कर्तव्य भी।

 

बीते करीब आठ वर्ष में भारत रक्षा क्षेत्र में न केवल खुद मजबूत हुआ है बल्कि दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को भी हथियार बेचने की शुरुआत कर रहा है। आइए समझें विश्व के दूसरे नंबर के हथियार आयातक ने कैसे स्वदेशी के मंत्र से अब हथियारों के निर्यात में कदम बढ़ा दिए हैं।

जनरल परपज बम की खासियत

  • इस बम में 15 मिलीमीटर लंबे 21 हजार स्टील के गोले भरे हुए हैं। धमाका होते ही ये गोले 100 मीटर क्षेत्र में फैल जाते हैं।
  • बम की ताकत इतनी है कि इससे पुल और बंकर ही नहीं बल्कि एयरपोर्ट के रनवे को भी उड़ाया जा सकता है।
  • बम में मौजूद स्टील के गोले 12 मिमी मोटी स्टील की प्लेट को भेद सकते हैं।
  • 1.9 मीटर लंबे इस बम को जगुआर और सुखोई एसयू-30 एमकेआई युद्धक विमानों से गिराया जा सकता है।