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रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर के सबसे बुरे समय का किया खुलासा


, नई दिल्‍ली। भारतीय टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने उस सबसे बुरे समय को याद‍ किया जब उन्‍होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था। अश्विन ने बताया कि वो 2017 में क्रिकेट छोड़कर एमबीए डिग्री करने का मन बना चुके थे।

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37 साल के ऑफ स्पिनर 2017 तक तीनों फॉर्मेट्स में भारतीय टीम के प्रमुख सदस्‍य थे। मगर 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्‍तान के खिलाफ उनकी जमकर कुटाई हुई, जिसके बाद उनके करियर में बड़ा बदलाव आया। अश्विन ने फाइनल में 70 रन खर्च किए और कोई विकेट नहीं ले पाए थे। अश्विन को वेस्‍टइंडीज दौरे के बाद सीमित ओवर स्‍क्‍वाड से बाहर कर दिया गया था।

मैं खुद से करने लगा सवाल: अश्विन

अश्विन ने हाल ही में द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा था, ”मैंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था। मैं खुद से पूछ रहा था कि क्‍या करूं? मैंने कहा कि जो भी जिंदगी में करूंगा, उसमें उच्‍चतम सफलता हासिल करने की कोशिश करूंगा और उस पेशे में सर्वश्रेष्‍ठ में से एक बनना चाहूंगा। मैं संभवत: एमबीए मार्केटिंग में करता।”

 

उन्‍होंने आगे कहा, ”भले ही मेरे पास मेरा परिवार है और मैं उनके पास वापस लौट सकता था, लेकिन मैं ज्‍यादा चीजें नहीं कह सकता था। मैं कह सकता हूं कि क्रिकेट कई मायनों में कॉर्पोरेट अफेयर की तरह है, जिसमें कुछ सरकारी संस्‍थागत गतिविधियां और जोड़ होते हैं।” पता हो कि अश्विन को जब टीम से बाहर किया गया, उसके कुछ महीने पहले ही उन्‍हें 2016 में आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया था।

मैं लंबे समय तक रोया: अश्विन

रविचंद्रन अश्‍विन ने बताया कि भारतीय सफेद गेंद स्‍क्‍वाड से बाहर होने के बाद उनकी अपने पिता से बातचीत हुई, जिसके बाद उन्‍होंने टेस्‍ट क्रिकेट छोड़ने का मन भी बना लिया था। भाग्‍य की बात रही कि अश्विन को 2023 वनडे वर्ल्‍ड कप के लिए भारतीय टीम से बुलावा आया और उन्‍होंने टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच खेला।

मेरे पिता और मैं काफी लड़ते हैं। उन्‍होंने मुझे एक बात कही, तुमको पता है? तुम बहुत सीधे और ईमानदार हो। यही वजह है कि तुम्‍हारे हाल बुरे हैं। मैं ये सोचना चाहता था कि काफी मजबूत हूं, लेकिन मैंने खुद को कमरे में बंद कर लिया। मैं लंबे समय तक रोया। मैंने उम्‍मीद नहीं की थी मेरे पिता ऐसी बात कहेंगे। मुझे लगता नहीं कि उन्‍हें इस बात का एहसास भी होगा।

मैंने सोचा कि मैं अपने घर के लोगों को काफी परेशान कर रहा हूं। मैं खुद को कमरे में बंद कर लेता था। मैंने उस दौरान कभी क्रिकेट नहीं देखा। मेरा कमरा ज्‍यादातर समय अंधेरे से घिरा रहता था।

इस तरह सुधरी जिंदगी

रविचंद्रन अश्विन ने स्‍वीकार किया कि जब उन्‍होंने बाहर से सलाह ली तो जिंदगी में बदलाव आया और उनकी जिंदगी बेहतर हुई। हाल ही में अनुभवी क्रिकेटर ने अपने करियर के 100 टेस्‍ट पूरे किए और अनिल कुंबले के बाद 500 टेस्‍ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने।