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राजनीति से लेकर अपराध जगत तक हिस्ट्रीशीटर की खूब है पैठ, जेल में रहकर पत्नी को बनाया था प्रधान


कन्नौज। विशुनगढ़ के गांव धरनी धरपुर नगरिया में पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करने वाले हिस्ट्रीशीटर अशोक उर्फ मुन्ना ने राजनीति से लेकर अपराध जगत में अपनी खूब पैठ बनाई। जेल में रहते हुए उसने पत्नी को ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ाकर जीत दर्ज कराई थी। हिस्ट्रीशीटर की इससे पहले भी कई बार पुलिस से मुठभेड़ हुई। कुछ वर्ष पहले गिरफ्तार करने पहुंची आगरा पुलिस के दो सिपाहियों की रायफलें भी हिस्ट्रीशीटर ने छीन ली थी।

हिस्ट्रीशीटर अशोक उर्फ मुन्ना ने वर्ष 1998 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। पांच सितंबर 1998 की रात हिस्ट्रीशीटर के भाई अनिल उर्फ गुड्डी की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और भाई की हत्या के शक में पड़ोसियों पर जानलेवा हमला कर फरार हो गया।

सिपाहियों की छीन ली थी रायफल

वर्ष 1999 में पुलिस से मुठभेड़ हुई तो साथियों के साथ फायरिंग कर दो सिपाहियों की रायफलें छीन ली थी। वर्ष 2000 में दीपावली की रात पड़ोसियों के घर बम फेंकने के साथ फायरिंग की। चार अगस्त 2007 को छिबरामऊ में परिवार के ही शिक्षक राम सरोवर की गोली मारकर हत्या कर दी।

इसके बाद अशोक उर्फ मुन्ना ने आगरा, मैनपुरी समेत छिबरामऊ और विशुनगढ़ क्षेत्र में कई वारदातें कीं। उसे वर्ष 2010 में जेल भेजा गया था। वर्ष 2016 में जेल में रहते हुए पत्नी श्यामा देवी को ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ाया। दहशत के चलते श्यामा देवी ने चुनाव में जीत दर्ज की। वर्ष 2019 में वह जेल से छूटकर बाहर आया था। इसके बाद 2021 में खुद ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा, लेकिन 25 वोट से हार गया।

पांच फरवरी को होनी थी सचिन की शादी

मुजफ्फरनगर के थाना शाहपुर के गांव सढ़ब्बर में रहने वाले सिपाही सचिन राठी की सौरिख थाने में तैनात महिला सिपाही से शादी तय हुई थी। अगले साल पांच फरवरी को दोनों की शादी होनी थी। सचिन के घायल होने की जानकारी मिलने पर महिला सिपाही भी अस्पताल पहुंची लेकिन इलाज के दौरान सिपाही की मौत हो गई।