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राजस्थान में अब नहीं होगी किसानों की जमीन नीलाम


जयपुर। राजस्थान के विधानसभा के चुनाव होने में करीब नौ महीने का ही समय बचा है। ऐसे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार सत्ता में दोबारा वापसी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। गहलोत सरकार इस समय हर वर्ग को खुश करने में जुटी है। राजस्थान में सबसे बड़ा वोट बैंक किसान हैं। इसलिए अब किसानों को खुश करने के लिए गहलोत सरकार उनके हित में कानून बनाएगी।

किसान कर्ज माफी मुद्दा बन सकता है चुनाव में पत्थर

किसान कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर भाजपा लगातार अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधती रही है। भाजपा का आरोप है कि करीब सवा चार साल पहले 2018 में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। लेकिन सत्ता में आने बावजूद उन्होंने सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया है। वहीं सीएम सहित कांग्रेस सरकार के मंत्रियों का कहना है कि सहकारी बैंकों के कर्ज माफ किए गए हैं। लेकिन राष्ट्रीकृत बैंकों के कर्ज, बिना केंद्र सरकार की मदद के माफ नहीं हो सकते हैं।

किसानों के लिए बनाया जाएगा ‘राजस्थान किसान ऋण राहत कानून’

किसान कर्ज माफी का मुद्दा आगामी चुनाव में कांग्रेस के लिए परेशानी का कारण नहीं बनें। इसलिए अब गहलोत सरकार ने राज्य के छोटे किसानों की जमीनों की नीलामी से रोकने के लिए कानून बनाने का ऐलान किया है। इसके लिए मसौदा विधेयक तैयार किया जा रहा है। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि जल्द ही किसान ऋण राहत आयोग का गठन किया जाएगा। किसानों की जमीन की नीलामी रोकने के लिए ‘राजस्थान किसान ऋण राहत कानून’ बनाया जाएगा ।

इस साल किसानों को मिलेगा 22 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण

उदयलाल आंजना ने कहा कि साल 2023-24 में राज्य के किसानों को 22 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरित किया जाना है । उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में गैर कृषि क्षेत्र जैसे कि हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छपाई और दुकान से जुड़े डेढ़ लाख परिवारों को सहकारी बैंकों के माध्यम से तीन हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण वितरित किए जाएगा।

‘कांग्रेस ने किया 20 लाख से ज्यादा किसानों का कर्ज माफ’

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने यह भी बताया कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने 20 लाख से ज्यादा किसानों का कर्ज माफ किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज बिना केंद्र सरकार की अनुमति के माफ नहीं किया जा सकता है। उघोगपतियों की तरह किसानों का भी वन टाइम सैटलमेंट होना चाहिए।