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राज्‍यसभा में हंगामे की जांच समिति से कांग्रेस ने दूरी बनाई, खड़गे बोले – सांसदों को धमकाने का प्रयास


  • संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे की जांच समिति से कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने दूरी बना ली है. राज्यसभा में 11 अगस्त के हंगामे की जांच के लिए विशेष अनुशासनात्मक समिति गठित करने की राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू की योजना को लेकर गतिरोध पैदा हो गया है क्योंकि सभी विपक्षी दलों ने इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. इस संबंध में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति को पत्र लिखकर कहा कि यह समिति, सांसदों को धमकाने का प्रयास है ताकि वे चुप रहें.

तृणमूल कांग्रेस से इस जांच समिति में शामिल होने के लिए नहीं कहा गया. तृणमूल के कुछ सदस्य पिछले सत्र के दौरान हुए हंगामे के केंद्रबिंदु थे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्हें चार सितंबर को नायडू की ओर से फोन आया था यह प्रस्ताव दिया गया था कि मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को उच्च सदन में हुई घटना की जांच के लिए समिति बनाई जाए. खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी इस समिति का हिस्सा नहीं होगी क्योंकि यह सदस्यों को डरा-धमकाकर चुप कराने एक प्रयास है.

खड़गे ने कहा कि इससे लोगों के प्रतिनिधियों की आवाज दबेगी सरकार को जो नहीं सुहाता, उसे दरकिनार कर दिया जाएगा. इसलिए कांग्रेस 11 अगस्त की घटनाओं की जांच के लिए समिति बनाने के खिलाफ है ऐसी किसी भी समिति में अपना प्रतिनिधि मनोनीत नहीं करेगी.

सूत्रों के अनुसार, अन्य 17 विपक्षी दल भी इसी तरह का पत्र सभापति को लिख कर समिति में अपने सदस्यों के मनोनयन से इनकार करेंगे.सभापति ने चार सितंबर को खड़गे को फोन कर इस समिति में कांग्रेस का सदस्य मनोनीत करने का आग्रह किया था.राज्यसभा में 11 अगस्त को विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया था. इसके बाद सात मंत्रियों ने सभापति से मुलाकात कर दोषी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.