बाम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस सुनील शुकरे और एसएम मोदक की डिवीजन बेंच ने सोमवार को कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण जरूरत के हिसाब से किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार से जानकारी मांगी है किन मानकों के आधार पर दवा का वितरण अलग-अलग राज्यों व जिलों में हो रहा है.
हाईकोर्ट ने कहा कि अगर भारत में कुल कोरोना केसों में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 40 फीसदी है तो रेमडेसिविर का वितरण भी राज्य को उसी अनुपात में होना चाहिए. बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों को लगाया जाता है. इस समय अधिकांश जगहों पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी की बात भी सामने आई है.
कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को 21 अप्रैल तक हलफनामा दाखिल करके यह बताने को कहा है कि किस आधार पर रेमडेसिविर का वितरण हो रहा है.