देश की सर्वाधिक मुस्लिम बाहुल्य मानी जाने वाली रामपुर विधानसभा सीट पर इस बार का उपचुनाव नया इतिहास रच सकता है। भले ही इस बार मतदाताओं की बूथों पर लंबी कतारें दिखाई नहीं दीं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव में खेला गया मुस्लिम कार्ड फायदा पहुंचा सकता है। सोमवार को मतदान के दिन जिस तरह से पहली बार मुस्लिम इलाकों में कमल खिलता नजर आया तो वैसे ही साइकिल की हवा निकलती दिखाई दी। भाजपा ने उपचुनाव में कानूनी शिकंजे में फंस चुके आजम खां को राजनीतिक मात देने के लिए मुस्लिम कार्ड पहली बार खेला था। इसके लिए शुरू से ही चुनाव की तैयारी को पसमांदा मुस्लिम वोट बैंक की चौसर बिछाई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा के अलावा तमाम मुस्लिम नेताओं को उतारा गया था। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना, जितिन प्रसाद और धर्मपाल पूरे चुनाव में मुस्लिमों को सरकार की योजनाओं का लाभ गिनाते रहे। इसके साथ ही आजम खां के बेहद करीबी रहे मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू समेत तमाम युवाओं के शामिल होने के बाद एक साथ तमाम लोग सपा छोड़कर भाजपा से जुड़े थे। इससे आजम खां को झटका लगा था।