- लखनऊ । करीब चार साल पहले राष्ट्रपति बनने पर शूट भेंट करने गए राजाजीपुरम निवासी टेलर नुरूल हक ने एक बार फिर कपड़ों के साथ राजभवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। नुरूल ने बताया कि राष्ट्रपति ने जैसे ही मुझे देखा तो बोले, क्या हाल है मास्टर जी? उनका इतना कहना था कि मानों मुझे पूरे जहां का खजाना मिल गया। वह जैसे पहले थे वैसे ही नजर आए। मुझे पहचान लिए, यह मेरे लिए बड़ी बात है।
राजाजीपुरम में अमर टेलर के नाम से दुकान चलाने वाले नुरूल हक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर काफी गदगद दिखे और उनके बारे में पूछा तो कहा कि सरजी (राष्ट्रपति) ने परिवार व मेरा हालचाल लिया। यह बात बताते हुए नुरूल हक की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। वह बताते हैं कि राजाजीपुरम व्यापार मंडल के संरक्षक व भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवाकर सेठ 1997 में राष्ट्रपति को अपने साथ मेरी दुकान पर लाए थे। उन्हें कुर्ता पायजामा, बंद गले का कोट व सदरी पसंद थी। पायजामा पैंट कट स्टाइल का पसंद था। मैं उन्हें सरजी ही कहता हूं। बिहार के राज्यपाल बने तो राजभवन में मुलाकात करने जाता था और वहीं सरजी कपड़े देते थे और उनकी नाप लेकर कपड़े सिल देता था। बिहार के राज्यपाल बनने से पहले वह दुकान पर आए थे। बीते 13 मार्च को जब वाराणसी आए थे तो सरजी ने बुलवाया था और 10 जोड़ी कुर्ता पायजामा, सूट व सदरी का कपड़ा दिया था, जिसे मैंने राजभवन में सिलकर दिया। मैंने पहनकर चेक करने के लिए कहा तो सरजी ने कहा कि मास्टरजी आप सही तो सिलते ही हो, बाद में देख लूंगा।
मुलाकात से जीवन में घुली मिठास : राजाजीपुरम निवासी दिवाकर सेठ की राजाजीपुरम ई ब्लाक मार्केट में दिवाकर मिष्ठान भंडार के नाम से दुकान है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में समान पारिश्रमिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष दिवाकर सेठ ने भी राजभवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की। वह बताते हैं कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से जब से मिले उनके जीवन में ही मिठास आ गई। दिवाकर सेठ ने बताया कि उनकी 1991 लोकसभा चुनाव के दौरान घाटमपुर में मुलाकात हुई थी। उस समय रामनाथ कोविंद अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष थे और मैं प्रदेश मंत्री था। दो बार राज्यसभा सदस्य रहे और मोरारजी देसाई के निजी सचिव भी रहे। महामहिम को मिठाई कम पसंद थी। आम व लाई चना पसंद था। राजाजीपुरम मिष्ठान की दुकान पर बैठकर लाई चना के साथ चाय की चुस्कियां लेते हुए संगठन को मजबूत करने के लिए चर्चा करते थे। बिहार के राज्यपाल बनने पर जब भी लखनऊ आते थे तो राजभवन में मुलाकात होती थी। 13 मार्च को वाराणसी में भी मिले थे। सोमवार को लखनऊ के राजभवन में मुलाकात के लिए गया था। जहां पहुंचते ही मेरा व परिवार का हालचाल लिया। उन्होंने बेटे प्रशांत का भी हालचाल पूछा।