रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। रूपौली प्रखंड क्षेत्र के दो पंचायतों में धोबगिद्धा रूपौली और रामपुर परिहट को नगर पंचायत के प्रस्ताव से आहत पंचायत प्रधान रमावती देवी के द्वारा जिला धिकारी पूर्णियाँ को आपत्ति दर्ज कराई गई थी।
दिए गए आपत्ति को लेकर सोमवार को वरीय अधिकारी के आदेश के आलोक में वरीय उपसमाहर्ता पूर्णियाँ सह नोड्ल पदाधिकारी रूपौली अनुपम ने रामपुर परिहट पंचायत भवन पहुंच क्षेत्र का अवलोकन किया। साथ ही साथ स्थल का भौतिक सत्यापन भी किया।वहीं पंचायत भवन में मुखिया से आपत्ति के सम्बंध में जानकारी भी ली।
प्रस्तावित नगर पंचायत रूपौली के अधिसूचना 4242 दिनांक 26 दिसम्बर 2020 के निरस्त आपत्ति के सम्बंध में मुखिया रमावती देवी ने अपना पक्ष रखा। जिसमें उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 11(1)का हनन किया गया है। जबकि प्रस्तावित नगर पंचायत के लिए दो बेचिरागी ग्राम को सम्मिलित किया गया है। जिसका क्षेत्रफल 106 हेक्टेयर है जो कृषि योग्य भूमि है। जिसे नगरीय आवासीय बनाकर सरकार अधिक राजस्व संग्रह करना चाहती है। जो बिहार नगरपालिका की धारा 3 (1) के प्रतिकूल है।
वहीं मुखिया रमावती देवी ने अपने आपत्ति के बाबत बताया कि प्रस्तावित नगर पंचायत के प्रसांगिक अधिसूचना के सम्बंध में अपनी सात सूत्री बातों का उल्लेख युक्त ज्ञापन सौंपा जा चुका है। जबकि उन्होंने वर्ष 2011 के जनगणना के आलोक का जिक्र करते हुए कहा कि रूपौली की जनसंख्या 2 लाख 34 हजार 686, कुल कर्मी की संख्या 83 हजार 833, दीर्घकालिक कर्मी 61 हजार 299, अल्पकालिक कर्मी 22 हजार 534, दीर्घकालिक किसानों की संख्या 14 हजार 426, अल्पकालिक किसानों की संख्या 2385 है। जो मात्र 20.05 प्रतिशत ही होता है और जो 50 प्रतिशत से कम है।
इस आधार पर अगर सम्पूर्ण प्रखंड क्षेत्र को मिलाकर नगर निगम का दर्जा प्राप्त हो रहा है तो फिर सिर्फ रूपौली को ही नगर पंचायत का दर्जा देना कहाँ तक न्यायोचित है। इस सम्बंध में वरीय उपसमाहर्ता अनुपम ने बताया कि प्रस्तावित नगर पंचायत रूपौली का स्थल जांच कर भौतिक सत्यापन रीपोर्ट वरीय अधिकारियों को समर्पित कर दिया जाएगा।