रूपौली (पूर्णिय)(आससे)। रूपौली प्रखण्ड के लक्ष्मीपुर छर्रापट्टी पंचायत अन्तर्गत घूसर गॉव में स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन का घाराशायी मकान सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खोलता नजर आ रहा है कि सूबे की सरकारी तंत्र आम-आवाम के स्वास्थ्य के प्रति कितनी सजग और चुस्त दुरूस्त है।
हजारों की सघन आबादी वाला घूसर ग्राम वासी अपनी स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से अभी भी कोंसों दूर ही हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर यहाँ के ग्रामिणों को एक एएनएम के भरोसे ही रहना पड़ रहा है। जो उँट के मुँह में जीरा के समान कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है।
उपस्थित पदस्थापित एएनएम श्रीमति रीता कुमारी ने बतायी कि हमें वर्षों से पंचायत भवन के एक जीर्ण शीर्ण कमरे में ही दवाई वितरण के साथ-साथ महिला रोगी को देखने जैसे कार्य का निर्वहन एक ही जगह करनी पड़ती है। जहां काफी कठिनाई का सामना अनवरत करती आ रही हूँ। चिकित्सा सुविधा के नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रूपौली से जो कुछ दवाईयॉ उपलब्घ कराई जाती है, उसका वितरण अपने कार्य समय में करती हूँ।
इस सम्बन्ध में प्रखंड प्रमुख रूपौली रेखा देवी ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रूपौली के पूर्व प्रभारी सहित प्रभारी डॉ. राज आर्यण से इस स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्माण सम्बन्धित बताया जाता रहा है कि जिला को लिखा गया है।
वहीं लक्ष्मीपुर छर्रापट्टी पंचायत के उपस्थित लोगों ने बताया कि रूपौली की जदयू विधायक सह् पूर्व मंत्री श्रीमति बीमा भारती ने भी दशकों पूर्व भवन के बारे में आश्वत की थी कि इस सम्बन्ध में मैं स्वास्थ्य मंत्री से बात कर इस कार्य को मूर्त रूप देने का काम करूंगी। किन्तु मिला जुलाकर अभी तक “ढाक के तीन पात” ही ग्रामीणों के समझ में आ रही है।
ग्रामीणों में समाजसेवी मिथिलेश सिंह, शरद चन्द्र यादव, सुनील कुमार मोदी, श्याम सुन्दर दास, संतोष सिंह, उमेश मोदी, शत्रुघ्न मंडल, विनय जायसवाल, पिक्कू यादव, बबलू चौधरी आदि ने जिला प्रशासन के साथ-साथ राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्यमंत्री से मांग की है कि यथा शीध्र स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य किया जाए। अन्यथा बाध्य होकर हम सभी पंचायत वासी धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे।