- भारत के टीकाकरण मुहिम में कोविशील्ड का 88 फीसद योगदान है, दूसरे नंबर पर बायोटेक की कोवैक्सीन है. दोनों वैक्सीन मुफ्त लगाई जा रही हैं, लेकिन स्पुतनिक V की वैक्सीन के साथ इसके विपरीत मामला है.
भारत के कुछ निजी अस्पतालों को रूस की स्पुतनिक V की कोविड-19 वैक्सीन बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. सरकार की तरफ से अन्य वैक्सीन के फ्री डोज की बढ़ती आपूर्ति के बीच उन्होंने ऑर्डर रद्द कर दिया है. वैक्सीन उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मांग में कमी और बेहद कोल्ड स्टोरेज तापमान की जरूरत ने कम से कम तीन बड़े अस्पतालों को ऑर्डर रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया है.
स्पुतिनक V की वैक्सीन को बेचने के लिए करना पड़ रहा संघर्ष
पुणे के पश्चिमी शहर में भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के एक वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी जितेंद्र ओसवाल ने कहा, “हमने अपना 2,500 डोज का आर्डर कैंसिल कर दिया है. मांग भी बढ़िया नहीं है. लोगों का एक वर्ग है, मुश्किल से एक फीसद.” भारत स्पुतनिक V वैक्सीन का एक प्रमुख उत्पादन केंद्र बननेवाला है, एक साल में करीब 850 मिलियन उत्पादन क्षमता के साथ. भारतीय वितरक डॉक्टर रेड्डीज लैब के जून में शुभारंभ कार्यक्रम के वक्त से स्पुतनिक V के मात्र 943,000 डोज को अस्पतालों की तरफ से लगाया गया है. डॉक्टर रेड्डीज ने रूस से वैक्सीन के करीब 3 मिलियन डोज का आयात किया है और रद्द किए गए ऑर्डर का अस्पतालों को धनराशि लौटा दिया है. मामले में कंपनी ने टिप्पणी करने से इंकार किया है. उसकी सहयोगी रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड विदेश में स्पुतनिक V का व्यापार करती है, उसने भी प्रतिक्रिया नहीं दी.