म्यूकोयकोसिस का उपचार बेहद महंगा और जटिल है. इलाज के दौरान रोगी को 15 से 21 दिनों के लिए एम्फोसिन-बी का इंजेक्शन दिया जाता है. यदि आवश्यक हो तो दूरबीन के माध्यम से नाक से फंगस को हटाने के लिए सर्जरी भी की जाती है. तब भी इंजेक्शन उपचार जारी रहता है. इस उपचार के लिए रोगी के वजन के आधार पर प्रतिदिन 6 से 9 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है. एक इंजेक्शन की लागत 6 से 7 हजार रुपये होती है और 20 से 28 दिन के इंजेक्शन कोर्स में 13 से 14 लाख रुपये लग जाते हैं.
राजकोट में मामले बढ़ रहे हैं
राजकोट में इसके मामले बढ़ रहे हैं और अब सौराष्ट्र के सभी मरीज इलाज के लिए राजकोट आ रहे हैं. राजकोट में सबसे बड़ा 250 बिस्तरों वाला म्यूकोर्माइकोसिस वार्ड स्थापित किया गया है. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर. एस. त्रिवेदी के अनुसार, सौराष्ट्र से मरीज राजकोट आ रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप रोगियों की संख्या बढ़ रही है.ट्रामा सेंटर का भवन खाली किया जा रहा है और कोरोना के रोगियों को वहां स्थानांतरित किया जा रहा है. साथ ही रोगियों को वहां भर्ती किया जा रहा है. इस इन्फेक्शन में सर्जरी के बाद इंजेक्शन भी महत्वपूर्ण है इसलिए 1 करोड़ रुपये से अधिक के इंजेक्शन की राशि भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा वितरित की गई है.