नयी दिल्ली (आससे)। केंद्र सरकार ने आज एक बार फिर साफ किया है कि रेलवे देश की सम्पत्ति है और हमेशा रहेगी, इसका कभी निजीकरण नहीं होगा। साथ ही केंद्र ने यह भी कहा है कि यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, इसके जरिये अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले, ऐसे कामों के लिये निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा। आज लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिये रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुये रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केन्द्रीय बजट में रेलवे के लिये 2 लाख 15 हजार करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं। भारतीय रेलवे को देश की वृद्धि का इंजन बताते हुये गोयल ने कहा कि अगर निजी क्षेत्र रेलवे में निवेश करना चाहता है, तो देश के हित में उसका स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र अपने साथ दक्षता लायेंगे और वृद्धि को गति देंगे, रोजगार मिलेगा, देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र जब मिलकर काम करेंगे, तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने में सफल होंगे। गोयल ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण की बात है कि कई सांसद रेलवे के निजीकरण और कॉर्पोरेटाइजेशन का आरोप लगाते हैं। उन्होंने साफ-साफ कहा कि रेलवे भारत की संपत्ति है इसका कभी निजीकरण नहीं होगा। गोयल ने कहा कि पिछले 7 सालों में रेलवे में लिफ्ट, एस्केलेटर एवं सुविधाओं के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किये गये। उन्होंने कहा कि यदि हमें अत्याधुनिक विश्वस्तरीय रेलवे बनाना है तो बहुत धन की आवश्यकता होगी। रेलमंत्री ने बताया कि अमृतसर के लिये 230 करोड़ रुपये के निवेश के साथ योजना बनाई गयी है। उन्होंने कहा कि ऐसे 50 स्टेशनों का मॉडल डिजाइन तैयार किया गया है। रेलमंत्री ने कहा कि जब देश 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनायेगा, तब पूर्वी और पश्चिमी विशेष माल ढुलाई गलियारे चालू हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे देश भर में 44 वंदे भारत रेलगाडियां चलाने की योजना बना रहा है। यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही रेलमंत्री ने दावा किया कि पिछले दो साल में रेल दुर्घटनाओं में किसी यात्री की मौत नहीं हुई है।