नई दिल्ली, । लंपी वायरस इस वक्त पशुओं पर कहर बनकर टूट रहा है। कोरोना महामारी के बाद अब देश लंपी वायरस से लड़ रहा है। यह नया वायरस पशुओं पर कहर बरपा रहा है। लंपी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease), जिसको लेकर बड़ी चिंता सामना आई है। अब लंपी वायरस के भी कोरोना की तरह वेरिएंट (Lumpy Variant) बदलने की आशंका जताई जा रही है।
वेरिएंट में बदला वायरस तो वैक्सीन का होगा असर कम
राजस्थान सरकार ने इस वायरस के वेरिएंट बदलने की आशंका जताई है। वैज्ञानिक भी इस समस्या पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं। दरअसल किसी भी वायरस से बचाव के लिए दवा या वैक्सीन निर्धारित होती है। यदि वायरस वेरिएंट बदलता है तो सबसे पहले निर्धारित दवा का असर ही कम होने लगता है। वायरस वेरिएंट में इसलिए बदलता है, ताकि लंबे समय तक किसी जैविक बॉडी में रह सके। पहले यदि कोई पशु लंपी की चपेट में आया है तो वेरिएंट बदलने पर दोबारा वायरस अपनी गिरफ्त में ले सकता है।
लंपी ने वेरिएंट बदला तो मौजूदा समय में जो वैक्सिनेशन अभियान चलाया जा रहा है, उस पर असर पड़ सकता है। इस मामले में पशु चिकित्सक बताते हैं कि पशुओं के लिए लंपी वायरस बेहद खतरनाक है, लेकिन इसके वेरिएंट का बदलना और भी चिंताजनक हो सकता है, इसलिये पशु पालकों को लक्षणों पर ल
इन राज्यों में सबसे ज्यादा खराब हुए हालात
वैसे तो ज्यादातर राज्यों के पशुओं को लंपी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया हैं, लेकिन महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश में पशुओं की हालत काफी गंभीर है। यहां लंपी त्वचा रोग से पीड़ित पशुओं की तादात काफी ज्यादा है। इसकी रोकथाम के लिये राज्य सरकार स्तर से फ्री वैक्सिनेशन (Lumpy Vaccination) और दवा डिस्ट्रीब्यूशन का अभियान चलाया जा रहा है। इसके प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये गांव-गांव कैम्प भी लगाए जा रहे हैं।
राजस्थान में सबसे ज्यादा 60 हजार गायों की मौत
गौरतलब है कि राजस्थान में लंपी वायरस की वजह से बीते तीन महीने में 60 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। वहीं, 8 लाख गोवंश लंपी से संक्रमित हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के 22 जिलों में लंपी चर्म रोग फैल चुका है। लंपी वायरस से हुई बड़ी संख्या में मौत की वजह से प्रदेश में दूध का उत्पादन भी घट गया है। दूध की कमी से कई जिलों में इसके दाम बढ़ गए हैं।
राजस्थान सरकार खरीद रही है 500 पशु एंबुलेंस
राजस्थान सरकार भी अब लंपी वायरस (Lumpy in Rajasthan) को लेकर और अधिक गंभीर है। यहां पशुओं की देखभाल के लिये नए पशु चिकित्सा केंद्र (New Veterinary Center) खोले जा रहे हैं। पशु चिकित्सक व अन्य कर्मचारियों की भर्ती भी की गई है। 200 पशु चिकित्सक अर्जेंट टेम्परेरी बेसिस और 300 पशुधन सहायकों की भर्ती की जा रही है। इतना ही नहीं, अब राज्य सरकार 500 से अधिक पशु एम्बुलेंस भी खरीदने जा रही है, जिसके लिए विधायक कोष से जल्द ही अनुमति मिलने की उम्मीद है। इसकी परमिशन मिलते ही पशु एम्बूलेंस (Animal Ambulance) की खरीद फरोख्त की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।
लंपी वायरस से बचाव व उपचार
लंपी वायरस होने पर पशु चिकित्सक से संपर्क कर शीप पाक्स वैक्सीन या गोट पोक्स वेकसीन से वैक्सीनेशन करवाएं। यह वैक्सीनेशन गायों में बहुत उपयोगी है। क्योंकि यह एक ही वायरस से होने वाली बीमारियां है, इसलिए इसमें क्रास प्रोटेक्शन मिलता है और गायों को नुकसान से बचाया जा सकता है। यदि महामारी हो गया है तो वैक्सीन से अधिक लाभ नहीं होता, इसलिए केवल वे लोग ही अपने गायों में वैक्सीनेशन लगाएं जिनके यहां अब तक यह बीमारी नहीं हुई है।