नई दिल्ली, लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल ने लोकसभा से अपनी अयोग्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में दी अयोग्यता के फैसले को चुनौती
लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया है। लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। फैजल ने लोकसभा सदस्यता बहाल करने की मांग की है।
वकील सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में रखी दलीलें
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी की दलीलों को सुना। वकील सिंघवी ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय द्वारा सजा पर रोक के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है।
संसद सदस्यता नहीं की गई बहाल- वकील
NCP नेता की ओर से पेश सिंघवी ने कहा कि इस साल जनवरी में एक स्थानीय अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद लोकसभा ने फैजल को एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद उनकी सदस्यता अभी तक बहाल नहीं की गई है। जबकि अदालत ने सजा पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने 10 साल की सुनाई थी सजा
उल्लेखनीय है कि फैजल को हत्या के प्रयास के केस में 10 साल की सजा मिली थी। इसलिए उनकी लोकसभा सदस्यता को अयोग्य करार दिया गया। हालांकि, हाई कोर्ट ने कवारत्ती सेशन कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था, लेकिन लोकसभा सचिवालय ने अयोग्यता का आदेश वापस नहीं लिया।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद लक्षद्वीप सीट पर उपचुनाव रोका
इससे पहले चुनाव आयोग ने 30 जनवरी को घोषणा की थी कि वह लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव पर रोक लगा रहा है, क्योंकि केरल हाई कोर्ट ने मोहम्मद फैजल पर लगाई गई सजा पर रोक लगा दी थी। आयोग ने कहा कि मामले पर विचार करने के बाद और एर्नाकुलम में केरल उच्च न्यायालय द्वारा 25 जनवरी, 2023 को पारित आदेश को ध्यान में रखते हुए उपचुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने को टालने का फैसला किया है।
क्या है मामला
लक्षद्वीप की एक अदालत ने 11 जनवरी को हत्या के प्रयास के मामले में लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल समेत चार लोगों को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही जिला और सत्र न्यायालय ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। जिसके बाद लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता रद्द कर दी गई और उन्हें लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।