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लक्षद्वीप विवाद: शरद पवार ने अमित शाह से मांगा मिलने का समय,


  • नई दिल्ली, 28 मई। भारत के केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में प्रस्तावित नए मसौदा कानूनों को लेकर बवाल मचा हुआ है। प्रशासन का कहना है कि वह लक्षद्वीप के विकास संबंधी सुधार के लिए इन मसौदों को लेकर आई है लेकिन वहां के स्थानीय लोगों और विपक्ष लगातार इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का समय मांगा है। बताया जा रहा है कि शरद पवार लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल को वापस बुलाने का आग्रह कर सकते हैं।

द हिंदू के रिपोर्ट के मुताबिक लक्षद्वीप के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल ने इस बात की जानकारी दी है। फैजल ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार, प्रफुल खोड़ा पटेल के फैसलों के खिलाफ कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे। मोहम्मद फैजल ने आगे कहा, ‘प्रफुल पटेल जिस ‘कॉर्पोरेट मानसिकता’ से प्रेरित हैं उसने दमन और दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों को भी नुकसान पहुंचाया था। उनकी (प्रशासक की) हरकतें सांप्रदायिक की तुलना में एक कॉर्पोरेट मानसिकता को अधिक प्रकट करती हैं, एक ऐसा रवैया जो निरंकुश और तानाशाही भी है।’

फैजल ने आगे कहा, दमन और दीव में भी हमने उनके निरंकुश और तानाशाही व्यवहार को देखा कि कैसे मछुआरों के लिए पारंपरिक आश्रयों को नष्ट कर दिया गया और वहां प्रशासक के रूप में उनके कार्यों को देखा। दो केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली के वियल के बाद प्रफुल पटेल वहां के प्रशासक रहे थे। लक्षद्वीप में प्रस्तावित नए मसौदे सर्वोच्च न्यायालय और रवींद्रन समिति के निष्कर्षों का सीधा-सीधा उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि द्वीपों से संबंधित सभी विकास परियोजनाओं पर चर्चा की जानी चाहिए और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ग्राम पंचायतों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखना चाहिए। लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण और उसमें निहित शक्तियों का इस्तेमाल सिर्फ जमीन हथियाने के लिए किया जा रहा है।