नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी समेत पांच नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की बुधवार को इजाजत दे दी।
सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के पांच नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी गई है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इससे पहले राहुल की अगुवाई में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति नहीं दी थी।
तीखे हमलों के बाद आखिर कार मोदी सरकार को झुकने पर मज़बूर होना पड़ा। नतीजा राहुल और प्रियंका को राज्य सरकार ने लखीमपुर खीरी जाने की इज़ाज़त दे दी। प्रियंका को जेल में रखने और उनके साथ की ज्यादितियों पर बोलते हुए राहुल ने दो टूक कहा हम डरने वाले नहीं है। हमने इनसे संघर्ष करना अपने परिवार से सीखा है, हम डरने वाले नहीं।
लखनऊ जाने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल साफ कर दिया कि उनकी पार्टी हर स्तर पर संघर्ष के लिये तैयार है और न्याय के लिये मोदी -योगी सरकार पर दबाव बनायेंगे। राहुल के अलावा सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव, अरविन्द केजरीवाल सहित समूचा विपक्ष गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया है।
सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा था कि किसी को भी माहौल बिगाड़ने के लिए लखीमपुर खीरी नहीं जाने दिया जाएगा। गांधी को लखीमपुर खीरी में गत रविवार को हुई हिंसा के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में सोमवार को सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया था।
लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुये सीधा आरोप लगाया कि मोदी सरकार सुनियोजित षड्यंत्र के तहत आक्रमण कर उनकी आवाज़ को दबाने का काम कर रही है। उनका कहना था कि भाजपा सरकार की मंशा हत्यारों को खुली छूट और निर्दोषों को जेल के अंदर करने की साफ़ हो चुकी है।
मोदी सरकार ने संस्थानों पर पूरी तरह नियंत्रण कर खुले तौर पर उनका दुरुपयोग कर रही है। राहुल का इशारा उत्तर प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार की ओर था, क्योंकि जिस विमान से राहुल को लखनऊ जाना था उनको उस विमान पर नहीं चढ़ने दिया।
उनके साथ जा रहे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और भूपेश बघेल के पीएनआर बिना बताये रद्द कर दिए गये। कांग्रेस पार्टी के अनुसार काफी हुज्जत के बाद राहुल को दूसरे विमान में यात्रा करने की इज़ाज़त दे दी गयी। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि यह सबकुछ उड्डयन मंत्रालय के इशारे पर किया गया है।