स्पीकर पर भड़के नीतीश, कहा- आप खुलेआम कर रहे संविधान का उल्लंघन, ऐसे नहीं चलेगा हाउस, जांच में इंटरफेयर नहीं कर सकते
विधायिका को कमजोर नहीं कीजिए: स्पीकर
(आज समाचार सेवा)
पटना। विधानसभा में सोमवार को अभूतपूर्व घटना घटी। लखीसराय मुद्दे को बार-बार उठाये जाने तथा सरकार के जवाब को जबरन स्थगित करने व परसो जवाब देने के लिए स्पीकर विधानसभा द्वारा नियमन दिये जाने से आक्रोशित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गुस्से में दिखे। विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से कहा, ऐसे नहीं चलेगा हाउस, जांच में इंटरफेयर नहीं कर सकते। संविधान देख लीजिए। आप संविधान का खुल्लमखुला उल्लंघन कर रहे हैं।
कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए, जब कमेटी बना दी गयी है तो वह देखेगी। एफआइआर जब हो गया है तो कोर्ट में रिपोर्ट जाती है न कि सदन। कमेटी अपनी राय देगी सरकार उसे दिखवाकर सही चीज को सामने लायेगी। जब एक बार बात हो गयी तो उसे बार-बार चर्चा कराने की क्या जरूरत है। प्रश्न उठता है तो सरकार की ओर जवाब दिया जाता है। रोज-रोज चर्चा कराने की जरूरत नहीं है।
वहीं स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आसन को भी बोलेन दीजिए। जब हम क्षेत्र में जाते हैं तो, जनता पूछती है, थानाध्यक्ष और डीएसपी का क्या हुआ। सदन में जब पूछा गया कि कुर्की जब्ती का क्या हुआ तो आपके मंत्री ने जवाब नहीं दिया। दुर्भाग्यवश यह घटना मेरे क्षेत्र में घटी है। संविधान हमसे बेहतर आप जानते हैं। आप जैसे वरीय सदस्यों से हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आसन को हतोत्साहित नहीं कीजिए। विधायिका को कमजोर नहीं कीजिए। पूरे मामले को अपने से दिखवा लीजिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परसो रिपोर्ट देने का नियमन नियमों के विरुद्घ है। इंक्वायरी हो रही है तो रिपोर्ट कोर्ट में जाता है इंक्वायरी रिपोर्ट न कि सदन में। आप इंटरफेयर नहीं कर सकते। संविधान देख लीजिए। संविधान क्या कहता है। जांच हो रही है जो गड़बड़ करेगा उस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि न हम किसी को फंसाते हैं और न ही बचाते हैं। ऐसे हाउस नहीं चलेगा। इलाके की घटना को लेकर आप इंटफेयर नहीं कर सकते।
पहली बार हम देख रहे हैं इस तरह की घटना। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। भ्रम है तो बातचीत करेंगे। आज ही हम बैठक कर जांच की प्रगति अधिकारियों से पूछेंगे। आपका यह काम नहीं है। आप कौन होते हें परसो जवाब देने के लिए नियमन देने वाले। ६० दिन के अंदर जांच करने का निर्देश दिया गया है। विभाग इस मुद्दे पर पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। विधानसभा के अंदर जब यह वाक्या घट रहा था उस वक्त सदन सन्नाटे में दिखा।