पटना

पटना: आरक्षण घोटाले की हो जांच, जांच कमेटी गठित करे सरकार : मांझी


      • विनियोग विधेयक पर विस में हुई बहस
      • पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने दी अपनी-अपनी राय

(आज समाचार सेवा)

पटना। अनुसूचित जनजाति को आरक्षण दिये जाने में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है। इसकी जांच हो। इसके लिए जांच कमेटी का गठन हो। यह मांग पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने विधान सभा में की। वे विनियोग विधेयक पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को भू-दान की जमीन देने की घोषणा की गयी थी, किंतु आज तक जमीन नहीं मिली। २०१५ में ही उन्होंने उसकी अनुशंसा की थी। उन्हें खेती के लिए एक एकड़ जमीन दिया जाना था। उन्होंने कहा कि अनूसूचित जाति को निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण नहीं दिया गया।

उन्होंने बिहार को बाढ़-सुखाड़ के संकट से निजात दिलाने के लिए इंद्रपुरी बराज में पानी देने की मांग की। सूखा संकट से निजात दिलाने के लिए उन्होंने फल्गु में पानी छोडऩे का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे मोकामा के कम से कम ५ गांव लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में समान शिक्षा प्रणाली भी लागू नहीं हुई।

सदन में उन्होंने पूछा कि २० लाख लोगों को सरकार कैसे रोजगार देगी? जब आरक्षण ही नहीं मिला, तो शिड्यूल क्लास को नौकरी का लाभ कहां से मिलेगा? उन्होंने शिड्ïयूल क्लास को पांच करोड़ तक के ठेके में भी आरक्षण देने की मांग की। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बिहार में मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने की व्यवस्था हो।

अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि बिहार में कहीं विकास की गंगा नहीं बह रही। किसानों को सिंचाई सुविधा भी नहीं मिल रही। अख्तरूल इस्लाम ने कहा कि बिहार में अल्पसंख्यकों के साथ इंसाफ नहीं हो रहा। सीमांचल में बाढ़-कटाव से हजारों के घर उजड़ गये। विनियोग विधेयक के बजट प्रस्ताव पर हुई चर्चा में ललित नारायण मंडल, राजेश कुमार सिंह, तिलक सिंह और सत्येन्द्र यादव ने भी पक्ष-विपक्ष में अपनी राय रखी।