पटना

पटना: चारों सदन का प्रतिनिधित्व करने वाले दूसरे नेता बने कुशवाहा


पटना (आससे)। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बाद उपेंद्र कुशवाहा ऐसे नेता हैं जिन्होंने देश के चारों सदन का सदस्य होने का गौरव प्राप्त किया है। श्री कुशवाहा पहले १९९५ से विधानसभा के सदस्य बनें। इसी सदन में उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेवारी दी गयी। उन्होंने छोटे से कार्यकाल में अपनी जिम्मेवारियों को बखुवी निर्वहन किया।

इसके बाद २००९ जदयू से ही राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्होने नीतीश कुमार से मनमुटाव होने के बाद राज्यसभा की सदस्यता त्याग दी थी। २०१४ में एनडीए के घटक दल रालोसपा के टिकट पर करगहर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। २०१९ में एनडीए सरकार से मतभेद होने के बाद एक बार फिर लोकसभा से इस्तीफा दे दिया।

२०१९ के संसदीय चुनाव में करगहर और उजियारपुर से रालोसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें दोनो सीट से पराजय का सामना करना पड़ा। २०२० के विधानसभा चुनाव में भी उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र से रालोसपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।

इधर हाल के दिनों में नीतीश सरकार के गठन के बाद उनका संबंध मुख्यमंत्री से सुधरा और यह कयास लगाया जाने लगा कि वे एक बार फिर जदयू में लौटेंगे। १५ मार्च को उन्होने रालोसपा का जदयू में विलय किया।

पहले यह कहा जा रहा था कि श्री कुशवाहा की पत्नी को एमएलसी बनाया जायेगा, परंतु दो दिनों से राजनीतिक परिस्थितियां बदली और उपेंद्र कुशवाहा मनोनयन कोटा से विधान परिषद पहुंच गये।