नई दिल्ली, । फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख से मंदी की आशंका और यूक्रेन संकट गहराने के बाद वैश्विक बाजारों में हो रही व्यापक बिकवाली का असर भारत पर भी देखा गया। भारतीय इक्विटी बेंचमार्क दूसरे सीधे सत्र में लड़खड़ा गए। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स (Sensex) 319.3 अंक गिरकर 58800.42 पर; निफ्टी (Nifty) 90.8 अंक गिरकर 17539 पर आ गया।
खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 562 अंक गिरकर 58556 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 170 अंक गिरकर 17459 पर था। सप्ताह के अंतिम दिन के कारोबार में ऑटो, बिजली, रीयल्टी और बैंकिंग के शेयर दबाव में हैं। फार्मा को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स 1-1 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
कैसा है बाजार का हाल
आज शुरुआती कारोबार में लगभग 1274 शेयरों में तेजी आई है, 711 शेयरों में गिरावट आई है और 121 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 30 शेयरों वाले सेंसेक्स पैक में पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट शीर्ष पिछड़ गए। एशियन पेंट्स, मारुति, टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी टॉप गेनर्स में शामिल थे। निफ्टी पर एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक और टाटा मोटर्स प्रमुख लाभार्थियों में से थे, जबकि टाटा स्टील, सिप्ला, हीरो मोटोकॉर्प, अपोलो अस्पताल और जेएसडब्ल्यू स्टील लाभ में थे।
भारतीय बाजारों ने मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर कठोर होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। इससे निवेशकों के बीच निराशा का माहौल था। मंदी की आशंका कुछ समय के लिए आईटी, धातु और फार्मा जैसे वैश्विक स्तर पर जुड़े क्षेत्रों को दबाव में रख सकती है। खपत और कच्चे तेल के इनपुट वाले क्षेत्रों जैसे एफएमसीजी, पेंट्स, टायर, ऑटो को मजबूत घरेलू मांग और कमोडिटी में गिरावट से लाभ होने की संभावना है।
दुनिया के बाजारों में गिरावट
एशिया में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को अमेरिकी बाजार नकारात्मक दायरे में बंद हुए। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 90.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शुद्ध रूप से 2,509.55 करोड़ रुपये के शेयर उतारे।
सर्वकालिक निचले स्तर पर रुपया
रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 39 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 81.18 पर आ गया है।