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‘लागा झुलनिया के धाका…’, तेजस्वी यादव पर चढ़ा लालू के देसी अंदाज का रंग


पटना। यह 1990-91 का दौर था। वैशाली जिला के लालगंज में डंकल प्रस्ताव के विरोध में सभा हो रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह बोल रहे थे। जीन कंपेन की सुमन सहाय बोल रही थीं। वे दोनों डंकल प्रस्ताव के नुकसान के बारे में तकनीकी ज्ञान दे रहे थे। भीड़ कोई प्रतिक्रियाहीन थी।

 

उस समय के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद (Lalu Yadav) उठे। उन्होंने समझाया-ये जो डंकल प्रस्ताव है न, वह पास हो गया तो तुम्हारा कोहड़ा बहुत बड़ा हो जाएगा। उसको काटोगे तो क्या निकलेगा? भीड़ से जवाब नहीं मिला।

जवाब लालू ने ही दिया-कोहड़ा से गोबर निकलेगा, गोबर। भीड़ डंकल प्रस्ताव समझ गई थी।नारा लगा-डंकल प्रस्ताव मुर्दाबाद। लालू मुस्कुराए। वीपी सिंह के चेहरे पर भी चमक आ गई। जनता के बीच संवाद चला गया था।

तीन दिन पहले भी दिखा था लालू का अंदाज

तीन दिन पहले तेजस्वी (Tejashwi Yadav) ने भी अपने भाषण में गोबर का उपयोग किया। पूर्णिया की सभा में उन्होंने कहा-मोदी जी इतना झूठ बोलते हैं कि गाेबर को भी हलुआ बना देते हैं। भीड़ की प्रतिक्रिया लालगंज जैसी ही थी। लालू अपने भाषण में रे भाई, अरे भाई का खूब प्रयोग करते थे। तेजस्वी भी कर रहे हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने एकबार कह दिया था कि पूर्णिया में एयरपोर्ट बन गया है। तेजस्वी ने भीड़ से पूछा-जहाज का टिकट कहां मिलेगा रे भाई। बीमा (बीमा भारती, राजद उम्मीदवार।)जीत गई तो पूरे पूर्णिया का बीमा हो जाएगा रे भाई। मंच पर लालू गाते थे-लागा झुलनिया के धाका(धक्का), बलम कलकता पहुंच गए….।

पहले तेजस्वी फिल्मी गाने नहीं गाते थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तेजस्वी गाते हैं-तुम तो धोखेबाज हो, वादा करके भूल जाते हैं। इसके साथ ही वह बड़ी गंभीरता से प्रश्न करते हैं कि भाजपा (BJP) ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जो वादा किया था, वह पूरा हुआ कि नहीं। इस क्रम में कालाधन वाला 15 लाख रुपया, हर साल दो करोड़ नौकरी, किसानों की आय दूनी और 2022 तक सबको पक्का मकान देने के वादे का उल्लेख करते हैं।

2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी फिल्मी गाने नहीं गाते थे। उन्होंने उस चुनाव में एक गंभीर घोषणा की थी-हमारी सरकार बनी तो कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का निर्णय होगा। यह भाषण प्रभावशाली साबित हुआ। विधानसभा चुनाव में राजद सबसे बड़े दल के रूप में उभरा।

तेजस्वी के इस दावे को नीतीश भी नजरअंदाज नहीं कर पाए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी तेजस्वी के इस दावे को नजरअंदाज नहीं कर पाए। उन्होंने अपने भाषण में तेजस्वी से प्रश्न किया था-पैसा कहां से लाओगे। क्या उसी पैसा से वेतन दोगे, जिसके कारण जेल गए थे। असल में नीतीश चारा घोटाला और उसमें लालू प्रसाद की गिरफ्तारी की ओर इशारा कर रहे थे।

हालांकि, बाद में नीतीश ने भी 10 लाख लोगों को नौकरी देने की घोषणा कर दी। चार लाख से अधिक लोगों को नौकरी देने के बाद अब यह विषय नीतीश की प्राथमिकता सूची में ऊपर है।

2020 के विधानसभा चुनाव के उलट लोकसभा चुनाव में तेजस्वी अपने भाषण में भोजपुरी और मगही का भी उपयोग करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि लालू शैली में भाषण देकर तेजस्वी भीड़ से कारगर संवाद कर लेते हैं। लेकिन, इस अंदाज में उनकी अपनी शैली पीछे छूट रही है, जो 2020 के विधानसभा चुनाव में बनी थी।