- जातीय जनगणना का मुद्दा पिछले कुछ समय से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है. ख़ासकर बिहार में इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज़ है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जातीय जनगणना की मांग की है और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी उनसे मिलकर अपनी मांग सामने रखी है.
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार को पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी कहा है.
नीतीश कुमार ने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें इस संबंध में पीएम मोदी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ये उनकी पार्टी की पुरानी मांग है. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना से सभी जातियों को मदद मिलेगी और उनकी सही संख्या पता चल सकेगा, फिर इसके आधार पर नीतियाँ बनाई जा सकेंगी.
माना जा रहा है कि बिहार चुनाव के बाद बड़े भाई और छोटे भाई के बहस के बीच नीतीश कुमार इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने का मौक़ा गँवाना नहीं चाहते. इतना ही नहीं बिहार की सरकार की अहम सहयोगी पार्टियाँ ‘हिंदुस्तान आवामी मोर्चा’ के प्रमुख जीतनराम माँझी भी इस पर आवाज़ उठा चुके हैं.