नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले ही चुनाव आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा को बढ़ा दिया है। इसके तहत लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी अब 70 लाख की जगह 95 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। जबकि विधानसभा में वह 28 लाख की जगह अब 40 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे।
राजनीतिक दलों ने दिया था मंहगाई का हवाला
हालांकि गोवा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में जहां लोकसभा चुनावों में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा अब तक 54 लाख रुपए थी, वह भी अब 75 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की मांगों को देखते हुए चुनावी खर्च की सीमा में यह बढ़ोत्तरी की है। आयोग के मुताबिक 2014 के मुकाबले सभी राज्यों में मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है। साथ ही मंहगाई में बढ़ोत्तरी हुई है। इसे देखते यह यह फैसला लिया गया है। चुनाव आयोग ने इसे लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की थी, जिसकी सिफारिश के बाद यह कदम उठाया गया है।
सभी चुनावों में लागू होगी नई व्यय सीमा
आयोग ने इस संबंध में कानून मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद मंत्रालय ने गुरूवार को चुनाव खर्च में बढ़ोत्तरी की सीमा को अधिसूचित कर दिया है। खासबात यह चुनाव खर्च की सीमा में की गई यह बढ़ोत्तरी आने वाले दिनों में होने वाले सभी चुनावों में लागू होगी। आयोग ने मुताबिक 2014 में खर्च की सीमा को बढ़ाया गया था। वर्ष 2020 में इसमें दस फीसद की बढ़ोत्तरी की गई थी। लेकिन इसकी नए सिरे संशोधित करने की मांग उठ रही थी।