आखिर में जब नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने यही प्रश्न किया तो ऊर्जा मंत्री एके शर्मा तो कुछ नहीं बोले लेकिन विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सरकार की मंशा को यह कहते हुए जाहिर कर इस प्रकरण का पटाक्षेप किया कि ‘वह कह चुके हैं कि सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली नहीं देंगे।’
प्रश्नकाल के दौरान रालोद के अजय कुमार और सपा के जियाउर्रहमान ने सवाल किया कि क्या सरकार किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देगी? इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सामान्य रूप से बिजली की दर 720 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति माह है। इसके सापेक्ष सरकार 550 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति माह सब्सिडी देती है जिसके लिए बजट में 7097 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।
बची हुई 170 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति माह की लागत पर पहली जनवरी 2022 से कृषि विभाग की ओर से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है जिसके लिए बजट में 1600 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इस तरह सरकार 720 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति माह की दर वाली बिजली किसानों को सिंचाई के लिए मात्र 85 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति माह की दर से उपलब्ध करा रही है जो 88.19 प्रतिशत की छूट दर्शाता है।
सपा के लालजी वर्मा के अनुपूरक प्रश्न के उत्तर में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में पूर्ण हुई सामान्य योजना के तहत किसानों को 68000 रुपये की सब्सिडी दी गई है। इस योजना में 31428 किसानों को बिजली कनेक्शन दिये गए हैं।