तिरुअनंतपुरम, । केरल विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की और सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। सदन में विपक्ष ने राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए और उन्हें संघ का एजेंट बताया।
शुक्रवार को राज्य विधानसभा में पारंपरिक संबोधन में राज्यपाल ने राज्य को संसाधनों का आवंटन घटाकर उसे वित्तीय मुश्किलों में कथित तौर पर धकेलने के लिए केंद्र की निंदा की। राज्यपाल ने राज्य के वित्तीय संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना के कारण राजस्व को हुए नुकसान के अलावा केरल केंद्र से राजस्व में गंभीर कटौती का सामना कर रहा है। उन्होंने बजट सत्र की शुरुआत के नीतिगत संबोधन में ‘सहकारी संघवाद’ पर जोर दिया।
उधर सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य सतत विकास, स्वास्थ्य, आम शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अग्रिम मोर्चे पर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महामारी के खिलाफ प्रभावी रूप से टीकाकरण अभियान चला रही है।
इससे पहले राज्यपाल अभिभाषण के लिए जैसे ही सदन पहुंचे, कांग्रेस की अगुआई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें बैनर दिखाए। विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कुछ कहा तो नाराज दिखे खान ने कहा कि यह हंगामे का वक्त नहीं है।
हंगामे के बीच उन्होंने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया और बाहर सीढि़यों पर जाकर धरने पर बैठ गए। बाद में पत्रकारों से सतीशन ने कहा कि राज्यपाल संघ परिवार के एजेंट की तरह कार्य कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने विपक्ष के रवैये की निंदा की और इसे राज्य की जनता का अपमान बताया।