विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा कि भारत सौभाग्यशाली है कि उसके पास सीरम इंस्टीट्यूट जैसा वैश्विक टीकों का एक बड़ा निर्माता है और कहा कि वह घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाने के देश के प्रयासों से प्रोत्साहित होते हैं। मालपास ने ये टिप्पणियां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की आगामी बैठक से पहले मीडिया से चर्चा के दौरान सोमवार को की।
उन्होंने कहा, “मेरा सीरम इंस्टीट्यूट के साथ काफी संपर्क रहा है। भारत का सौभाग्य है कि देश में वैश्विक टीकों का एक बड़ा निर्माता है।” एक प्रश्न के जवाब में, मालपास ने कहा कि उन्होंने स्थानीय निर्माण के लिए राष्ट्रीय जरूरतों और विश्व भर में अन्य देशों को पहुंचाई जाने वाली सहायता के लिहाज से अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है।
मालपास ने कहा, “यह साफ नहीं है कि अमेरिका या यूरोप में, या दक्षिण अफ्रीका में या भारत में स्थानीय मांगों की आपूर्ति के लिए स्थानीय उत्पादन की क्या जरूरतें हैं। मैं भारत द्वारा उनके घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाने से प्रोत्साहित हूं और हम इस पर उनके साथ काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “क्योंकि क्षमता संबंधी अवरोध बहुत ज्यादा हैं, इसलिए हम जो टीकाकरण अभियान चला रहे हैं उसके स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत लोगों की जरूरत पड़ती है।” स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया भारत ने शुक्रवार तक कुल 7,06,18,026 कोविड रोधी टीके की खुराकें दी हैं। मालपास ने कहा कि यह महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक है कि विकासशील देशों को टीकों की जल्द आपूर्ति हो क्योंकि टीकाकरण में, असल में, बहुत ज्यादा समय लगता है।