उत्तर प्रदेश लखनऊ

शारीरिक बनावट नहीं करती है क्षमता का निर्धारण-योगी


लखनऊ (आससे)। उत्तर प्रदेश में विश्व दिव्यांग दिवस 2025 के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर बल दिया कि शारीरिक बनावट क्षमता के निर्धारण और लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा नहीं बनती है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दिव्यांगजन सशक्तिकरण, छात्रवृत्ति वितरण, सहायक उपकरण प्रदान करने तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के सम्मान के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कहा कि इंडिया की ऋषि परंपरा ने हमेशा हमें इस बात के लिए प्रेरित किया है कि व्यक्ति की शारीरिक बनावट उसकी क्षमता का निर्धारण नहीं करती है। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 30 व्यक्तियों, संस्थाओं, नियोक्ताओं एवं सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कार्मिकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने 500 दिव्यांगजन कोट्राईसाइकिल एवं विभिन्न सहायक उपकरण वितरित किए,उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशन की राशि को 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया है। लाभार्थियों की संख्या भी 8 लाख से बढ़ाकर 11 लाख से अधिक कर दी गई है और तकनीक के उपयोग से पारदर्शी व सरल प्रक्रिया के जरिए उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। भारतीय मनीषा का मानना है कि वास्तविक शक्ति मन, संकल्प और आत्मबल में है। इंडिया ही नहीं, पूरी दुनिया ने उस संकल्प शक्ति को, आत्मबल को वास्तविक व्यावहारिक जीवन में दिव्यांगजन के सामथ्र्य से उद्घाटित होते हुए देखा है। आज देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती है। उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमारे यहां एक ग्रंथ है अष्टावक्र गीता जिसे ऋषि अष्टावक्र ने रचा था। उनके बारे में अनेक धारणाएं हैं और कहते हैं कि विदेह जनक को भी आत्मज्ञान की प्रेरणा उन्होंने दी। मध्यकाल में संत सूरदास इसके उदाहरण हैं. दुनिया में भी अनेक ऐसे उदाहरण हैं जहां दिव्यांगजनों को थोड़ा भी संबल मिला तो उन्होंने अपने सामथ्र्य और अपनी शक्ति से समाज के लिए वह सब कुछ कर दिखाया जिस पर सामान्य जन को सहज विश्वास भी नहीं होता है। दिव्यांगजन के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, वे एक प्लेटफॉर्म के रूप में आपके लिए अत्यंत उपयोगी हो सकते हैं। इस अवसर पर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार दिव्यांगजनों के समग्र कल्याण, सम्मान और आत्मनिर्भरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। प्रदेश के सभी 18 मंडलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिससे सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग और थेरेपी की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने दिव्यांग पेंशन को 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए किए जाने, सहायक उपकरणों की वित्तीय सहायता को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए तक करने तथा विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत दिव्यांग दंपतियों को 35,000 रुपए की सहायता प्रदान किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
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