बता दें कि सुनील प्रभु ने शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन जजों की बेंच मामले में सुनवाई कर रही है।
क्या है याचिकाकर्ता की मांग?
गौरतलब है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के बागी विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता अर्जी के जल्दी निपटारा ना होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी। उद्धव ठाकरे गुट के विधायक सुनील प्रभु ने याचिका दाखिल कर विधानसभा स्पीकर को शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता अर्जियों को जल्दी निपटाने का आदेश देने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने एक साल पहले दिया था फैसला
याचिका में कहा गया कि बागी विधायकों के खिलाफ उनकी अयोग्यता अर्जियां एक साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 मई को उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के को लेकर फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि उद्धव ठाकरे को पुन: मुख्यमंत्री पद पर बहाल करने का आदेश नहीं दिया जा सकता।