उन्होंने ट्वीट कर कटाक्ष किया कि बारबाडोस की आबादी 2.5 लाख है और फिर भी 27 की कैबिनेट है। महाराष्ट्र की 12 करोड़ की आबादी में 2 सदस्यों की कैबिनेट है, जो मनमाने फैसले ले रही है। ऐसे में संविधान का सम्मान कहां है? राउत ने मांग की कि जब तक शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अपना फैसला नहीं दे देती, तब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है।
उन्होंने सवाल किया कि संविधान के अनुच्छेद 164 (1-ए) में कहा गया है कि राज्य के सीएम सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होनी चाहिए। पिछले 2 सप्ताह से सिर्फ 2 मंत्रियों वाली कैबिनेट ऐसे फैसले ले रही है जो संवैधानिक रूप से मान्य नहीं हैं। माननीय राज्यपाल महोदय, क्या चल रहा है?”
बागी नेता एकनाथ शिंदे और उनके साथियों के विद्रोह के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का पतन हो गया था। उसके बाद 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। नवीनतम अटकलों के अनुसार, 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के कुछ दिनों बाद नए मंत्रिपरिषद का गठन हो सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार 20 या 21 जुलाई को हो सकता है।