मध्य प्रदेश, उज्जैन: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए। मोहन भागवत ने गर्भगृह में भगवान महाकाल के दर्शन व अभिषेक किया। इसके बाद सुजलाम जल महोत्सव के अंतर्गत महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में देश के पहले जल स्तंभ का अनावरण किया। मंदिर में 5 दिसंबर से सुजलाम जल महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत चतुर्वेद पारायण भी किया जा रहा है।
60 किलो चांदी से बना जल स्तंभ
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में जिस जल स्तंभ का अनावरण मोहन भागवत ने किया है उसका निर्माण 60 किलो चांदी से हुआ है। इस पर चार वेद में जल तत्व का महत्व बताती चार ऋचाओं का अंकन है। प्रत्येक ऋचा के साथ हिन्दी में उसका अनुवाद भी उत्कीर्ण किया गया है। जल कुंड के मध्य में जल स्तंभ प्रतिष्ठित हैं। इसके चारों ओर रंगबिरंगी लाइटिंग भी लगाई गई है। देश व दुनिया को जल का महत्व बताने के लिए जल स्तंभ स्थापित किया गया है।
भस्म रमैया भक्त मंडल ने किया स्वागत
संघ प्रमुख भागवत पर्यावरण पर भारतीय ज्ञान परंपरा आधारहित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंच महाभूत के जलतत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम के सारस्वत सत्र में अतिथि हैं। मोहन भागवत का भस्म रमैया भक्त मंडल के सदस्यों ने झांझ व डमरू तथा बंगाली समाज की महिलाओं ने शंख की मंगल ध्वनि से स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल पर बने चार मंच में से एक मंच पर संघ प्रमुख बैठे थे। दूसरे मंच पर शहर के प्रमुख साधु, संत व मंडलेश्वर विराजित थे। तीसरे मंच से वेदपाठी बटुक स्वस्ति वाचन व मंगलाचरण कर रहे थे। चौथे मंच से कार्यक्रम का संचालन किया गया।